पश्चिम बंगाल में वक्फ अधिनियम के खिलाफ हिंसा: कारण, प्रभाव और प्रतिक्रिया

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पश्चिम बंगाल में वक्फ अधिनियम को लेकर हिंसा

हाल ही में पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं, विशेष रूप से मुर्शिदाबाद जिले में। इन प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत हो गई है, और कम से कम 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इस बीच बीजेपी नेता ने मुर्शिदाबाद में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) लगाने की मांग की है।

हिंसा की घटनाएं:

मुर्शिदाबाद जिला: सूती, धुलियान, शमशेरगंज, और जंगीपुर क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया, और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद खलीलुर रहमान के कार्यालय पर हमला किया।

रेलवे सेवाओं में बाधा: निमतिता रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर बैठकर ट्रेनों पर पथराव किया, जिससे स्टेशन की संपत्ति को नुकसान पहुंचा। ​

सरकारी प्रतिक्रिया:

केंद्रीय बलों की तैनाती: कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर, हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को तैनात किया गया है। ​

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान: उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस अधिनियम को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करेगी और सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की है। ​

विपक्ष की प्रतिक्रिया:

बीजेपी का आरोप: पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य सरकार पर हिंसा के दौरान उचित कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है और केंद्रीय गृह मंत्री को इस बारे में सूचित किया है। ​

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के बारे में:

यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है। आलोचकों का मानना है कि ये संशोधन धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, जबकि सरकार का दावा है कि इनका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। ​

पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने राज्य में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। सरकार और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी पक्षों से संयम और संवाद की आवश्यकता है।

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