भारत की कार्रवाई से कांपी पाक संसद: शहबाज को कहा ‘बुजदिल गीदड़’, मोदी का नाम लेने तक की हिम्मत नहीं

भारत की कार्रवाई से कांपी पाक संसद: शहबाज को कहा 'बुजदिल गीदड़', मोदी का नाम लेने तक की हिम्मत नहीं
इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक भूचाल आ गया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर, सियालकोट और रावलपिंडी जैसे शहरों में सटीक सैन्य हमले किए। इस कार्रवाई में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हुआ। इसके बाद पाकिस्तान की संसद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को लेकर जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।
पहले हमला किया, फिर मुंह की खाई
शुक्रवार तड़के पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम से इस हमले को नाकाम कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के कई शहरों पर हमला किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा,
“भारत की कार्रवाई में लाहौर में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह नष्ट हो गया।”
संसद में फूटा गुस्सा: “शहबाज गीदड़ हैं!”
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शुक्रवार को माहौल गर्म हो गया। एक सांसद ने शहबाज शरीफ पर हमला बोलते हुए कहा:
“प्रधानमंत्री की तरफ से भारत को लेकर एक भी बयान नहीं आया है। क्या वह सिर्फ खामोश तमाशाई बने रहेंगे? एक लीडर अगर खुद गीदड़ हो, तो सेना शेर बनकर नहीं लड़ सकती।”
उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना शहबाज पर तंज कसा और कहा कि “जिस नेता में दुश्मन का नाम लेने की हिम्मत नहीं, वो देश की सीमाओं की हिफाजत कैसे करेगा?”
“प्रधानमंत्री आईना होता है” – सेना की ओर से संदेश
सांसदों का गुस्सा यहीं नहीं रुका। एक अन्य सांसद ने कहा:
“बॉर्डर पर खड़ा हर सैनिक आज इस्लामाबाद की तरफ उम्मीद से देख रहा है। वो पूछ रहा है कि उसका लीडर जवाब देगा या घुटनों पर आ जाएगा?”
पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर भी शहबाज को लेकर आलोचना तेज हो गई है। कई यूजर्स ने उन्हें “नपुंसक और घुटनों पर झुका लीडर” कहा।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से कांपा पाकिस्तान
भारत की इस कार्रवाई को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार:
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यह हमला पूरी तरह सटीक था
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मुख्य निशाना पाकिस्तानी सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर था
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नागरिक इलाकों को नुकसान नहीं पहुँचाया गया
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भारत ने पहले से वॉर्निंग देकर नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया था
सरकार की छीछालेदर, विपक्ष ने भी कहा – “प्रधानमंत्री गायब हैं!”
पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने भी शहबाज शरीफ की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। PPP के एक नेता ने कहा:
“जब भारत ने हमारे शहरों में बम गिराए, उस वक्त प्रधानमंत्री टीवी पर क्यों नहीं आए? क्या उन्हें डर है?”
वहीं, सेना की ओर से भी अबतक कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है।
भारत की रणनीतिक और सटीक जवाबी कार्रवाई ने सिर्फ पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को नहीं, बल्कि उसकी राजनीतिक स्थिरता को भी हिला दिया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय दबाव में हैं, बल्कि अपने देश की संसद में भी कटघरे में खड़े हैं। आने वाले दिनों में पाकिस्तान की राजनीतिक दिशा तय करेगी—क्या वो भारत से मुकाबले की हिम्मत रखता है, या फिर सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहेगा।