तीन टास्क, एक एजेंट और एक यूट्यूबर! ज्योति मल्होत्रा को कैसे इस्तेमाल कर रहा था ISI?

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हिसार की यूट्यूबर कैसे बनी ISI की डिजिटल जासूस – जांच में खुलासा

हिसार की यूट्यूबर कैसे बनी ISI की डिजिटल जासूस – जांच में खुलासा

नई दिल्ली/हिसार : देश की राजधानी दिल्ली से महज 175 किलोमीटर दूर हरियाणा के हिसार से निकली एक कहानी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। इस कहानी की नायिका है – 33 वर्षीय यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा, जो अपनी वीडियोग्राफी और ब्लॉग्स के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की डिजिटल जासूसी में शामिल हो गई, और खुद को इसका शिकार समझती रही।

जांच एजेंसियों के मुताबिक ज्योति को गिरफ्तार करने के बाद अब इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि वह एक सॉफ्ट प्रोपेगेंडा मिशन का हिस्सा थी, जिसे पाकिस्तान में बैठे ISI हैंडलर दानिश उर्फ एहसान-उर-रहीम ऑपरेट कर रहे थे।

कैसे शुरू हुई साजिश की कहानी?

हिसार के एक 55 गज के छोटे से मकान से जन्मी इस कहानी की शुरुआत उस वक्त हुई जब ज्योति अपने यूट्यूब चैनल के लिए पाकिस्तान गई। यहीं उसकी मुलाकात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट दानिश से हुई, जिसने उसका भरोसा जीतकर उसे “डिजिटल प्रोपेगेंडा मिशन” का हिस्सा बना लिया।

दानिश वही व्यक्ति है जिसे भारत सरकार ने कुछ महीने पहले अवांछित विदेशी घोषित करते हुए देश से निष्कासित किया था।

ज्योति को सौंपे गए तीन मिशन

जांच में सामने आया है कि ज्योति को निम्नलिखित तीन प्रमुख कार्य सौंपे गए:

  1. पाकिस्तान की सकारात्मक छवि प्रस्तुत करना – ज्योति द्वारा बनाए गए वीडियो में पाकिस्तान की संस्कृति, आम नागरिकों और सरकार को एक शांतिपूर्ण और प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में दिखाया गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी छवि सुधारी जा सके।
  2. नैरेटिव को मोड़ना (Narrative Manipulation) – पाकिस्तान से जुड़े विवादों और आतंकी घटनाओं पर भारत की प्रतिक्रिया को गलत ठहराते हुए, सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका को संदिग्ध या नकारात्मक रूप में पेश करना।
  3. नई भर्ती करना – सोशल मीडिया और यूट्यूब के ज़रिए युवाओं को इस सॉफ्ट प्रोपेगैंडा अभियान से जोड़ना, और उन्हें इस विचारधारा के प्रचार-प्रसार में शामिल करना।

मनोवैज्ञानिक युद्ध का नया चेहरा

जांच एजेंसियों का मानना है कि यह केवल स्पाई नेटवर्क नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक युद्ध (psychological warfare) का हिस्सा है।
ज्योति ने अपने यूट्यूब और सोशल मीडिया चैनलों पर भारत में आतंकवादी हमलों के बाद के दृश्य, संवेदनशील धार्मिक स्थलों के वीडियो, और पाकिस्तान के पक्ष में झुके कंटेंट अपलोड किए।

एनआईए और मिलिट्री इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, ISI भारत में कुछ यूट्यूबर्स और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को छोटी-छोटी रकम देकर कंटेंट के जरिए देश में भ्रम और नाराजगी फैलाने की साज़िश रच रही है।

बार-बार पाकिस्तान दौरे और हाई-प्रोफाइल मुलाकातें

  • 2023 में ज्योति दो बार पाकिस्तान गई।

  • उसने मरियम नवाज शरीफ (पंजाब की मुख्यमंत्री) से भी मुलाकात की, जिसका वीडियो अब वायरल हो चुका है।

  • वह नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग भी कई बार गई, जहां उसकी मुलाकात दानिश उर्फ एहसान-उर-रहीम से हुई।

  • जांच में यह भी सामने आया है कि ज्योति ने पहलगाम आतंकी हमले से कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान की यात्रा की थी।

यूपी में गतिविधियों पर भी शक

जांच में यह भी सामने आया है कि ज्योति ने अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे संवेदनशील स्थलों पर वीडियो बनाए और उन्हें सोशल मीडिया पर प्रचारित किया। यह गतिविधियां आतंरिक सुरक्षा के लिहाज़ से खतरनाक मानी जा रही हैं।

आगे की कार्रवाई

ATS, NIA और IB ने इस मामले को लेकर उत्तर भारत के कई शहरों में छापेमारी शुरू कर दी है।
उत्तर भारत में चल रहे संभावित डिजिटल स्पाइ नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में एजेंसियां अब और अधिक सख्त कदम उठाने जा रही हैं।

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