IAF अलर्ट मोड में, राफेल जेट तैयार; पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति रोकी गई

राफेल अलर्ट पर, पाकिस्तान को पानी की सप्लाई रोकी गई
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायुसेना (IAF) पूरी तरह से सतर्क मोड में आ चुकी है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को युद्ध की संभावित स्थिति और वायुसेना की तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी दी।
IAF प्रमुख ने बताया कि राफेल फाइटर जेट पूरी तरह से ऑपरेशनल मोड में हैं, और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वायुसेना देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए 24×7 अलर्ट पर है।
सीमा पर हाई अलर्ट, एयरबेस एक्टिव मोड में
वायुसेना प्रमुख की ब्रीफिंग के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सेना के तीनों अंगों की तैयारियों की समीक्षा की। जानकारी के मुताबिक, पंजाब, जम्मू और राजस्थान के एयरबेस पर राफेल, सुखोई और मिग-29 जैसे लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया गया है। साथ ही एयर डिफेंस सिस्टम्स को भी एक्टिव कर दिया गया है।
पाकिस्तान को पानी देने वाले दो डैम के गेट बंद
सूत्रों के अनुसार, भारत ने कड़े रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को जाने वाले पानी की आपूर्ति पर भी रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रावी और सतलुज नदियों पर बने दो प्रमुख डैमों के गेट फिलहाल बंद कर दिए गए हैं, जिससे सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाली जल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर लगातार सीजफायर उल्लंघन किया है और पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के तार भी पाकिस्तान से जुड़े बताए जा रहे हैं।
मोदी सरकार की चेतावनी: कार्रवाई के लिए सेना को खुली छूट
सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार ने सेना को किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई के लिए ‘फ्री हैंड’ दे दिया है। उच्चस्तरीय बैठकों के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी तीनों सेनाध्यक्षों से अलग-अलग बैठकें कर ऑपरेशनल स्टेटस की जानकारी ली है।
विश्लेषण: क्या भारत-पाक के बीच बढ़ेगा तनाव?
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार सीजफायर तोड़ना, और भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। भारत की ओर से कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर जवाब देने की तैयारी की जा रही है।