योगी सरकार का बड़ा फैसला: अब सरकारी भवनों पर चढ़ेगा गोबर पेंट

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योगी सरकार का बड़ा फैसला: अब सरकारी भवनों पर चढ़ेगा गोबर पेंट

योगी सरकार का बड़ा फैसला: अब सरकारी भवनों पर चढ़ेगा गोबर पेंट

नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी सरकारी इमारतों को गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट से रंगने का आदेश दिया है। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद गाय के गोबर से पेंट बनाने वाले उद्यमियों में नई उम्मीदें जगी हैं।

नोएडा सेक्टर-146 स्थित श्री कृष्ण सुदामा गौशाला में पहले से ही इस तरह का पेंट बनाने का प्लांट संचालित हो रहा है। प्लांट संचालक केशव गुर्जर ने बताया कि आदेश जारी होने के बाद शासन ने उनसे उत्पादन की विस्तृत जानकारी मांगी है।

40 लाख की लागत से शुरू हुआ स्वदेशी पेंट प्लांट

गुर्जर ने बताया कि उन्होंने एम-फार्मा की पढ़ाई पूरी करने के बाद नागपुर और जयपुर में प्राकृतिक उत्पादों की ट्रेनिंग ली। इसके बाद वर्ष 2023 में उन्होंने 40 लाख रुपये की लागत से गौशाला में यह प्लांट लगाया, जिसकी शुरुआत 2024 में हुई थी।

पहले पर्याप्त ऑर्डर न मिलने के कारण निराशा थी, लेकिन अब सरकारी आदेश से स्वदेशी और पर्यावरण हितैषी पेंट उद्योग को नया जीवन मिला है।

दिल्ली IIT और मेरठ यूनिवर्सिटी में हुआ है उपयोग

केशव ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए पेंट का उपयोग दिल्ली आईआईटी, मेरठ विश्वविद्यालय और कई अन्य सरकारी संस्थानों में हो चुका है। इसके अलावा उन्होंने अयोध्या राम मंदिर में 2022 और 2023 की दीपावली पर गाय के गोबर से बने दीये भी भेजे थे।

कैसे बनता है गाय के गोबर से पेंट?

  1. गोबर को बॉयलर में गर्म किया जाता है

  2. फिर वह लिक्विड सलेरी में बदलता है

  3. इसमें चूना, ग्वारगम, डिफार्मर और सोडियम बेंजोएट मिलाया जाता है

  4. इससे प्राकृतिक, टिकाऊ और वातावरण के अनुकूल पेंट तैयार होता है

तापमान संतुलित करता है गोबर पेंट

गुर्जर के मुताबिक, यह पेंट घरों और भवनों के भीतर का तापमान नियंत्रित करता है – गर्मियों में ठंडक और सर्दियों में गर्माहट देता है। साथ ही यह कीट-मक्खी, मच्छर और नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर रखता है।

कीमत कम, टिकाऊपन ज्यादा

  • 20 लीटर डिस्टेंपर पेंट की कीमत: ₹1200

  • सामान्य पेंट की तुलना में यह सस्ता और अधिक टिकाऊ है

  • पूरी तरह से प्राकृतिक और रासायनिक मुक्त उत्पाद

गौवंश आधारित उत्पादों की धार्मिक मान्यता

मां वैष्णो देवी मंदिर के पुजारी रामदेव शास्त्री के अनुसार, गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है। इसका उपयोग प्राचीन समय से पूजा, रसोई और घरों की पवित्रता के लिए किया जाता रहा है। गोबर से बनी मूर्तियां, हवन सामग्री, धूप बत्ती और खाद आज भी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

अब स्कूल-कॉलेजों में भी गोबर पेंट का उपयोग

सरकार की योजना है कि सरकारी स्कूल, कॉलेज, और अन्य भवनों को गाय के गोबर से बने पेंट से रंगा जाए। इसके तहत पूरे प्रदेश में ऐसे उद्यमियों और गौशालाओं का ब्यौरा एकत्र किया जा रहा है, जिन्हें इस मिशन में भागीदार बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘पर्यावरण संरक्षण’ की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल देसी उद्योगों को प्रोत्साहन देगा, बल्कि गोवंश आधारित उत्पादों की उपयोगिता को भी मुख्यधारा में लाएगा।

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