विश्व स्तनपान सप्ताह 2025: हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक पूरी दुनिया में विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य स्तनपान के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना, माताओं को प्रोत्साहित करना और शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार लाना है। यह सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) के सहयोग से वर्ल्ड एलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) द्वारा आयोजित किया जाता है।
विश्व स्तनपान सप्ताह का इतिहास
विश्व स्तनपान सप्ताह की शुरुआत वर्ष 1992 में WABA द्वारा की गई थी। WHO और UNICEF ने 1990 में “Innocenti Declaration” पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका उद्देश्य माताओं को स्तनपान के लिए समर्थन और सही मार्गदर्शन देना था। तब से हर साल 1 से 7 अगस्त तक यह सप्ताह मनाया जाता है।
2025 की थीम
विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 की थीम है:
“Enabling Breastfeeding: Making a Difference for Working Parents”
इसका उद्देश्य कार्यरत माताओं को स्तनपान जारी रखने के लिए प्रोत्साहन देना और उनके लिए बेहतर नीतियां बनाना है।
स्तनपान का महत्व
1. शिशु के लिए
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पोषक तत्वों से भरपूर: माँ का दूध शिशु के लिए संपूर्ण आहार है, जिसमें सभी आवश्यक विटामिन और मिनरल्स होते हैं।
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इम्यूनिटी बढ़ाता है: स्तनपान से शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और वह संक्रमण से बचा रहता है।
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बॉन्डिंग बनाता है: स्तनपान के दौरान माँ और शिशु के बीच भावनात्मक जुड़ाव गहरा होता है।
2. माँ के लिए
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स्वास्थ्य लाभ: स्तनपान से प्रसव के बाद माँ का वजन तेजी से कम होता है और गर्भाशय सामान्य आकार में लौट आता है।
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बीमारियों से बचाव: स्तनपान करने वाली माताओं में स्तन कैंसर और डिम्बग्रंथि कैंसर का खतरा कम होता है।
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मानसिक स्वास्थ्य: यह माताओं में तनाव कम करने और प्रसव के बाद अवसाद को रोकने में मदद करता है।
स्तनपान से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
1. पहला दूध (कोलोस्ट्रम)
जन्म के बाद का पहला पीला दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं, शिशु के लिए अमृत समान होता है। इसमें एंटीबॉडीज होती हैं जो शिशु को संक्रमण से बचाती हैं।
2. 6 महीने तक केवल माँ का दूध
WHO और यूनिसेफ की सिफारिश है कि जन्म के पहले 6 महीने तक शिशु को केवल माँ का दूध दिया जाए, किसी भी प्रकार का पानी या अन्य भोजन नहीं।
3. पूरक आहार की शुरुआत
6 महीने बाद धीरे-धीरे ठोस आहार शुरू किया जा सकता है, लेकिन स्तनपान 2 साल या उससे अधिक तक जारी रखना चाहिए।
कार्यरत माताओं के लिए चुनौतियाँ
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मेटरनिटी लीव की कमी: कई देशों में मातृत्व अवकाश पर्याप्त नहीं होता।
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कार्यस्थल पर सुविधाओं का अभाव: कई कार्यस्थलों पर स्तनपान कराने या दूध निकालने की सुविधा नहीं होती।
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सामाजिक दबाव: कई बार परिवार और समाज से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पाता।
समाधान
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सरकार को कार्यरत माताओं के लिए मातृत्व अवकाश और लैक्टेशन रूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।
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नियोक्ताओं को भी लचीले कार्य समय और वर्क फ्रॉम होम जैसे विकल्प देने चाहिए।
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परिवार को माँ को भावनात्मक और शारीरिक रूप से सहयोग देना चाहिए।
विश्व स्तनपान सप्ताह हमें यह याद दिलाता है कि माँ का दूध शिशु के लिए सबसे सुरक्षित और पोषक आहार है। सरकार, समाज और परिवार को मिलकर माताओं के लिए ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिसमें वे बिना किसी परेशानी के अपने बच्चे को स्तनपान करा सकें। यह न केवल मातृत्व को सशक्त बनाएगा बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी स्वस्थ बनाएगा।

