श्रीकृष्ण जन्म कथा 

10th  August 2025

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मथुरा की कारागार से गोकुल तक की पावन कथा — जानिए कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया और अधर्म का अंत करने की शुरुआत की।

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अष्टमी की रात, कारागार के द्वार खुले, यमुना लहराई, और गोकुल में जन्मे नंदलाल

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राजा उग्रसेन के पुत्र कंस ने गद्दी हथिया ली और अपनी बहन देवकी का विवाह वसुदेव से कर दिया।

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मथुरा का अन्याय 

देवकी की विदाई पर आकाशवाणी हुई — "हे कंस! तुम्हारी बहन का आठवां पुत्र तुम्हारे विनाश का कारण बनेगा।" 

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आकाशवाणी का संदेश 

कंस ने देवकी और वसुदेव को कारागार में डाल दिया और छह पुत्रों को मार डाला। 

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कैद और क्रूरता 

अष्टमी की आधी रात, कारागार में दिव्य प्रकाश फैला। भगवान विष्णु ने चार भुजाओं में दर्शन देकर बाल रूप धारण किया। 

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दिव्य रात 

कारागार के द्वार खुल गए, पहरेदार सो गए। वसुदेव ने टोकरी में कृष्ण को रखकर यमुना पार की और गोकुल पहुँचे। 

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गोकुल की यात्रा 

वहाँ यशोदा के यहाँ जन्मी कन्या को लेकर वसुदेव लौट आए। कंस ने उसे मारना चाहा, पर वह आकाश में चली गई। 

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यशोदा के आँगन में 

कन्या ने कहा — "तेरा संहारक गोकुल पहुँच चुका है।" इसी से श्रीकृष्ण की लीलाएं शुरू हुईं। 

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अधर्म का अंत