3rd september 2025
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शरद पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा पर मनाया जाता है। यह दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और पितृ ऋण मुक्ति के लिए विशेष माना जाता है।
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शरद पूर्णिमा 2025, रविवार, 7 सितंबर 2025
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आरंभ: 7 सितंबर, सुबह 01:41 बजे, समाप्त: 7 सितंबर, रात 11:38 बजे
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कुतुप मुहूर्त: 11:55 AM – 12:45 PM, रौहिण मुहूर्त: 12:45 PM – 01:35 PM, अपराह्न काल: 01:35 PM – 04:06 PM
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शरद पूर्णिमा को पार्वण श्राद्ध कहा जाता है। इस दिन तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। यह पितृ ऋण से मुक्ति का अवसर भी है।
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प्रातः स्नान व शुद्धिकरण, पिंडदान और तर्पण, तिल, जल और अन्न का अर्पण, ब्राह्मण व दान कार्य, गौ, पक्षियों व पशुओं को भोजन कराना
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मान्यता है कि इस दिन किया गया श्राद्ध पितरों की आत्मा को तृप्ति देता है। परिवार में आरोग्य, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति आती है।
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शरद पूर्णिमा 2025, पितृ कृतज्ञता का पावन पर्व है। सही मुहूर्त और श्रद्धा से किया गया तर्पण परिवार को पितृ आशीर्वाद दिलाता है।
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