National Nutrition Week 2025: जानें क्यों है सही खान-पान और पारंपरिक आहार इतना ज़रूरी। 

7th  september 2025

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लोगों को संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली का महत्व समझाना। 'हिडन हंगर' और कुपोषण (Malnutrition) से बचाव। पारंपरिक भारतीय आहार के लाभों पर जोर।

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पोषण सप्ताह का उद्देश्य  

थाली में – रोटी, दाल, चावल, सब्जी, रायता, छाछ, मौसमी फल। इसमें मिलते हैं – प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और फाइबर। यह शरीर को ऊर्जा, रोग-प्रतिरोधक क्षमता और दीर्घायु देता है।

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पारंपरिक भारतीय आहार 

प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड पर निर्भरता। तनावपूर्ण और व्यस्त जीवनशैली। जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स का अधिक सेवन। परिणाम – मोटापा, डायबिटीज, एनीमिया और हड्डियों की कमजोरी।

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शहरी महिलाओं की चुनौतियाँ 

ताजे फल-सब्जियाँ उपलब्ध लेकिन आर्थिक तंगी। परिवार को प्राथमिकता, खुद बचा हुआ भोजन। नतीजा – कुपोषण, एनीमिया और माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी।

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ग्रामीण महिलाओं की चुनौतियाँ 

हिडन हंगर = कैलोरी तो मिलती है लेकिन विटामिन-मिनरल्स की कमी। मालन्यूट्रिशन = आहार की गुणवत्ता और मात्रा दोनों ही सही न होना।  सबसे ज्यादा असर महिलाओं और बच्चों पर। 

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हिडन हंगर और मालन्यूट्रिशन 

रोज़ 8–10 गिलास पानी। नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ को आहार में शामिल करें। जंक फूड और पैक्ड ड्रिंक्स से बचें। योग, ध्यान और माइंडफुल ईटिंग अपनाएं। खान-पान, व्यायाम और आराम का संतुलन बनाए रखें। 

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डॉक्टर की सलाह 

पोषण पर जागरूकता बढ़ाना। संतुलित आहार और पारंपरिक भोजन अपनाना। परिवार में महिलाओं के पोषण को प्राथमिकता देना। सरकारी योजनाओं का लाभ लेना। संदेश – पोषण सिर्फ 1 हफ़्ते का नहीं, पूरी जिंदगी का संकल्प है। 

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