उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव का ऐसा रूप माना जाता है
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जो मृत्यु को भी जीतने वाला है।
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जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा और धार्मिक महत्व।
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जहां स्वयं भगवान शिव ने काल को भी परास्त किया — उज्जैन का महाकालेश्वर
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जहां स्वयं भगवान शिव ने काल को भी परास्त किया — उज्जैन का महाकालेश्वर
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उज्जैन का वह शिव मंदिर जहां समय भी रुक जाता है।
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महाकालेश्वर – काल को भी जिसने हराया
उज्जैन, मध्यप्रदेश– शिप्रा नदी के तट पर स्थित– एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग
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कहाँ स्थित है?
– एक बार उज्जैन पर राक्षसों का आक्रमण हुआ– ब्राह्मणों की पुकार पर भगवान शिव ने प्रकट होकर राक्षसों का वध किया– वहीं स्वयं महाकाल रूप में विराजमान हो गए
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पौराणिक कथा
– 'महाकाल' का अर्थ है काल (मृत्यु) से भी बड़ा– यह रूप जीवन, मृत्यु और मोक्ष का प्रतिनिधित्व करता है
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क्यों कहते हैं 'महाकाल'?
– हर सुबह 4 बजे होती है भस्म आरती– शव की भस्म से होती है पूजा– दुनियाभर से भक्त इसे देखने आते हैं
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भस्म आरती की महिमा
– तंत्र साधना और मोक्ष की सिद्ध भूमि– महाकालेश्वर मंदिर के नीचे है शिव की स्वयंभू मूर्ति
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विशेषता
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