21th August 2025
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जानिए Hartalika Teej 2025 का इतिहास, व्रत कथा, पूजा विधि और शुभ तिथि—मैथुन लौकी तपस्या से उत्पन्न यह पर्व महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य व वैवाहिक सुख की कामना का प्रतीक है।
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पूनम से पहले आने वाली यह पावन तीज महिलाओं की आस्था और तपस्या का प्रतीक है।
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Hartalika Teej का नाम 'हरतालिका' शब्द से बना है — जिसमें “हर” का अर्थ है पकड़ना और “तालिका” का अर्थ है सहेलियाँ। माता पार्वती की तपस्या के दौरान उनकी सख़ियों ने उन्हें जंगल ले जाकर शिवलिंग की स्थापना और व्रत में मदद की, तब से यह पर्व जाना जाता है।
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पौराणिक कथा के अनुसार, पार्वती ने कठोर संकल्प और तपस्या कर शिवजी को पति रूप में प्राप्त किया। वह व्रत संघर्षों से विजय पाने और सूखे सौभाग्य हेतु किया जाता है।
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सुहागिन महिलाएँ निर्जला व्रत रखती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं और मिट्टी की शिव-पार्वती प्रतिमा बनाकर पूजा करती हैं। भक्ति भरे गीत, कथा पाठ और श्रावण मास की निशिथ आरती इस व्रत की विशेषता है।
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इस व्रत से पति की लंबी उम्र, वैवाहिक सुख एवं परिवार में सुख-शांति की कामना की जाती है। अविवाहित कन्याएँ इसे मनचाहा जीवन साथी मिलने के लिए करती हैं।
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आषाढ़ कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर इस वर्ष Hartalika Teej 2025 मनाया जाएगा।
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