गणेश चतुर्थी का इतिहास: शिवाजी महाराज से आज तक का सफर  

30th  August 2025

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गणेश चतुर्थी का इतिहास जानें – शिवाजी महाराज से लोकमान्य तिलक तक, कैसे यह पर्व भक्ति, एकता और आज के उत्सव का प्रतीक बना। 

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गणपति बप्पा मोरया, चलिए जानते हैं इस महापर्व की ऐतिहासिक यात्रा। 

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गणेश चतुर्थी का इतिहास  

गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को हुआ माना जाता है। प्राचीनकाल से इस दिन गणेश पूजन की परंपरा है।

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प्राचीन शुरुआत 

छत्रपति शिवाजी महाराज ने गणेशोत्सव को राज्य पर्व बनाया। इससे मराठा साम्राज्य में एकता और संस्कृति को बल मिला।

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छत्रपति शिवाजी और गणेशोत्सव 

1893 में बाल गंगाधर तिलक ने गणेशोत्सव को सार्वजनिक उत्सव बनाया। ब्रिटिश शासन के समय यह लोगों को एकजुट करने का माध्यम बना।

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लोकमान्य तिलक का योगदान 

गणेशोत्सव ने जाति-भेद, ऊँच-नीच को मिटाकर समाज को जोड़ा। यह पर्व भक्ति और सामाजिक क्रांति दोनों का प्रतीक बना।

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सामाजिक एकता का प्रतीक 

अब यह पर्व पूरे भारत और विदेशों में धूमधाम से मनाया जाता है। घर-घर और पंडालों में बप्पा विराजमान होते हैं।

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आज का गणेशोत्सव 

"गणपति बप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या!" हर साल गणेश चतुर्थी हमें भक्ति, एकता और उत्साह की याद दिलाती है।

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