आंवला ज़्यादा खाने से हो सकते हैं ये नुकसान 

8th  september 2025

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करगिल युद्ध का शेरशाह, साहस, बलिदान और देशप्रेम का प्रतीक

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कैप्टन विक्रम बत्रा  

जन्म: 9 सितम्बर 1974, पालमपुर, हिमाचल, पिता: स्कूल प्रिंसिपल, मां: शिक्षिका, जुड़वां भाई: विशाल

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प्रारंभिक जीवन 

पसंदीदा शो: परमवीर चक्र, सपना: भारतीय सेना में शामिल होना, खेल और NCC में सक्रिय भागीदारी

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बचपन और प्रेरणा

DAV कॉलेज, चंडीगढ़ से स्नातक, बेस्ट NCC कैडेट (नॉर्थ ज़ोन), Merchant Navy का ऑफर ठुकराया, 1996 – इंडियन मिलिट्री अकादमी, 1997 – 13 JAK Rifles में शामिल

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शिक्षा और करियर

ऑपरेशन विजय, जिम्मा: पॉइंट 5140,  “या तो तिरंगा लहराकर आऊंगा, या तिरंगे में लिपटकर।”

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करगिल युद्ध 1999 

दुश्मन की चौकी फतह, गूंजा नारा – “ये दिल मांगे मोर!” पूरे देश में जोश और गर्व

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जीत और नारा

जीत: पॉइंट 5100, 4700, जंक्शन पीक, दुश्मन ने नाम दिया – “शेरशाह” 

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शेरशाह की वीरता 

6 जुलाई 1999, घायल साथी को बचाते हुए वीरगति, अंतिम शब्द: “जय माता दी! आज यह जगह: बत्रा टॉप

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अंतिम लड़ाई – पॉइंट 4875

फिल्म: शेरशाह (2021) – सिद्धार्थ मल्होत्रा, उनके नाम पर स्कूल और संस्थान, हर साल जन्मदिन और शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि

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विरासत