भारत की टेस्ट टीम को अगले महीने इंग्लैंड के कठिन दौरे पर 5 मैचों की सीरीज खेलनी है, लेकिन उससे पहले दो सबसे बड़े दिग्गज खिलाड़ियों – विराट कोहली और रोहित शर्मा के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की खबर ने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया है। दोनों दिग्गजों ने कोई फेयरवेल मैच नहीं खेला, न ही BCCI की ओर से इस पर पहले कोई संकेत दिया गया।
क्या चल रहा है अंदर ही अंदर?
विराट और रोहित जैसे खिलाड़ी जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, उनका यूं चुपचाप विदा हो जाना सिर्फ फैंस ही नहीं, बल्कि पूर्व खिलाड़ियों और विशेषज्ञों को भी खटक रहा है। सवाल उठ रहा है कि क्या भारतीय क्रिकेट में कहीं कुछ गड़बड़ है?
क्रिकेट जानकार मानते हैं कि:
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फेयरवेल मैच ना होना अपमानजनक है
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बड़े फैसलों में खिलाड़ियों की सहभागिता नहीं
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मैनेजमेंट और खिलाड़ियों के बीच संभावित मतभेद
पूर्व खिलाड़ियों ने उठाए सवाल
पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ट्वीट कर कहा, “भारत को अपने दिग्गजों को सम्मान देना चाहिए। विराट और रोहित के लिए एक आखिरी टेस्ट होना चाहिए था।”
वहीं वीरेंद्र सहवाग ने भी बोर्ड के रवैये पर नाराज़गी जताई है।
टीम इंडिया इंग्लैंड दौरे के लिए कमजोर?
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली और रोहित शर्मा की अनुपस्थिति टीम की बल्लेबाजी की रीढ़ को कमजोर कर सकती है।
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विराट के नाम 8,848 टेस्ट रन
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रोहित के नाम 3,987 टेस्ट रन
दोनों की कमी से टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों पर जिम्मेदारी और दबाव दोनों बढ़ जाएगा।
BCCI की चुप्पी क्यों?
BCCI की ओर से अब तक इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। ऐसे में यह सवाल और गहराता जा रहा है कि क्या ये संन्यास खिलाड़ी की मर्ज़ी से था या कोई अंदरूनी दबाव?
भारत के दो सबसे बड़े बल्लेबाजों का बिना विदाई मैच टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना कई सवाल खड़े करता है। फैंस, पूर्व खिलाड़ी और विशेषज्ञ सभी यही जानना चाहते हैं कि “आखिर माजरा क्या है?” और अगर अंदरखाने कुछ गलत है, तो इसे सुधारना भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए बेहद ज़रूरी है।