नई दिल्ली — सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कुंवर विजय शाह को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक को आगे बढ़ा दिया है। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब इस मामले की कोई भी सुनवाई हाईकोर्ट में नहीं होगी, क्योंकि यह मामला अब सीधे सुप्रीम कोर्ट के अधीन है।
यह आदेश उस विवादित टिप्पणी से जुड़े केस में आया है जिसमें विजय शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा करने वाली सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था।
क्या है पूरा मामला?
मार्च 2025 में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर चलाए गए सफल अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को जानकारी दी थी।
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री विजय शाह का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा और गटर जैसी टिप्पणी का प्रयोग किया था।
इस बयान के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई और पुलिस को IPC की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने मंत्री की भाषा और सोच दोनों की आलोचना की थी।
सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या रहा?
विजय शाह ने इस एफआईआर को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने:
-
गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई
-
मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी (IPS अधिकारियों की टीम) गठित करने का आदेश दिया
28 मई को हुई अगली सुनवाई में कोर्ट ने:
-
गिरफ्तारी पर लगी रोक की अवधि आगे बढ़ा दी
-
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को कार्यवाही बंद करने का आदेश दिया
-
कहा कि अब यह केस पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है
एसआईटी जांच में क्या सामने आया?
सुप्रीम कोर्ट में डीआईजी पुलिस द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार:
-
जांच 21 मई से शुरू हुई थी
-
गवाहों के बयान लिए गए हैं
-
कुछ डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं
-
अभी जांच प्रारंभिक स्तर पर है, और आगे और दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं
कोर्ट की टिप्पणी
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा:
“यह एक संवेदनशील मुद्दा है। कोर्ट इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहता। गिरफ्तारी पर पूर्व में दी गई राहत को बढ़ाया जाता है। अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी।”
विजय शाह का पक्ष क्या है?
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद विजय शाह ने बयान दिया था:
“मैं कर्नल कुरैशी को अपनी बहन से भी अधिक सम्मान देता हूं। मेरे शब्दों से अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।”
सुप्रीम कोर्ट का ताजा आदेश मंत्री विजय शाह को कानूनी राहत जरूर देता है, लेकिन जांच और न्यायिक प्रक्रिया जारी रहेगी। अब देश की नजर जुलाई में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी है।