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Teachers Day 2025: भारत की महान महिला शिक्षिकाएं जिनसे शिक्षा और सशक्तिकरण की गाथा अधूरी है

भारत की महान महिला शिक्षिकाएं

Teachers Day 2025: हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है। यह दिन न केवल डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर उनके योगदान को याद करने का दिन है, बल्कि यह उन सभी शिक्षकों को सम्मानित करने का भी अवसर है जो समाज में ज्ञान की ज्योति जलाए रखते हैं।

शिक्षा को हमेशा से मानव विकास की कुंजी माना गया है। लेकिन भारत के इतिहास में एक दौर ऐसा भी रहा जब महिलाओं के लिए शिक्षा पाना असंभव सा सपना था। समाज की परंपराएं और रूढ़िवादी सोच लड़कियों की शिक्षा के आड़े आती थीं। इसी कठिन दौर में कुछ महान महिलाओं ने न केवल शिक्षा का महत्व समझा बल्कि समाज की सोच को बदलते हुए महिलाओं के लिए शिक्षा के नए दरवाजे खोले।

इस Teacher’s Day 2025 पर आइए जानते हैं उन महान महिलाओं और प्रेरणादायी शिक्षिकाओं की कहानियाँ, जिनके बिना शिक्षा और महिला सशक्तिकरण की गाथा अधूरी है।

भारत की पहली महिला टीचर: सावित्रीबाई फुले

भारत में महिला शिक्षा की गाथा की शुरुआत सावित्रीबाई फुले से हुई। उन्हें भारत की पहली महिला शिक्षिका कहा जाता है।

अगर आज महिलाएं डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और शिक्षक बन रही हैं, तो इसकी सबसे पहली रोशनी सावित्रीबाई फुले से ही आई थी।

रुकैया सखावत हुसैन: मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा की पैरोकार

रुकैया सखावत हुसैन बंगाल की मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और नारीवादी विचारक थीं।

रुकैया ने साबित किया कि शिक्षा किसी धर्म या जाति की मोहताज नहीं होती।

रमाबाई रणाडे: शिक्षा सुधार की योद्धा

रमाबाई रणाडे 20वीं सदी के प्रारंभिक दौर की सामाजिक कार्यकर्ता थीं।

रमाबाई का सपना था कि हर महिला पढ़े और समाज में बराबरी से खड़ी हो।

आधुनिक भारत की प्रेरणादायी शिक्षिकाएं

आज के समय में भी कई महिला शिक्षिकाएं बच्चों की जिंदगी बदलने के लिए विशेष प्रयास कर रही हैं।

1. डॉ. प्रज्ञा सिंह (छत्तीसगढ़)

2. गीतिका जोशी (नैनीताल)

3. सीमा भारती झा (दिल्ली विश्वविद्यालय)

4. शिप्रा गोम्बर (दिल्ली, माउंट आबू स्कूल)

5. पुष्पा कुशवाहा (चंदौली, इंटीग्रेटेड इंस्टीट्यूट फॉर डिसेबल्ड)

इन शिक्षिकाओं ने दिखाया कि टीचर सिर्फ पढ़ाने वाला नहीं होता, बल्कि बच्चों की जिंदगी गढ़ने वाला होता है।

महिला शिक्षिकाओं का शिक्षा और सशक्तिकरण में योगदान

शिक्षक दिवस और महिला शिक्षिकाओं का महत्व

Teacher’s Day 2025 सिर्फ डॉ. राधाकृष्णन को याद करने का दिन नहीं है, बल्कि यह उन सभी शिक्षिकाओं को सम्मान देने का भी दिन है जिन्होंने अपनी मेहनत और साहस से बेटियों की शिक्षा की राह आसान बनाई।

सावित्रीबाई फुले, रुकैया सखावत, रमाबाई रणाडे से लेकर आज की शिक्षिकाओं तक – इनकी कहानियां हमें सिखाती हैं कि शिक्षा ही सशक्तिकरण की असली कुंजी है।

👉 अगर आज महिलाएं बराबरी से खड़ी हैं, तो इसमें महिला शिक्षिकाओं का योगदान सबसे बड़ा है।

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