सूडान के खार्तूम में हैजा का कहर: युद्धग्रस्त हालात में तेज़ी से फैली बीमारी

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युद्धग्रस्त सूडान के खार्तूम में हैजा का प्रकोप

युद्धग्रस्त सूडान के खार्तूम में हैजा का प्रकोप

युद्धग्रस्त सूडान के खार्तूम में हैजा का प्रकोप

युद्धग्रस्त सूडान में हैजा के प्रकोप के कारण कई लोगों की मृत्यु हुई है। सूडान के खार्तूम शहर में जहां लोग युद्ध की आग से झुलस रहे हैं, वहीं अब एक और खतरा मंडरा रहा है — हैजा का प्रकोप। दूषित पानी और बिगड़े हालातों के कारण सैकड़ों लोग इस घातक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। यह हालात एक बार फिर बताते हैं कि संघर्ष सिर्फ गोलियों से नहीं, बीमारियों से भी जानलेवा होता है।

हैजा के बारे में:

हैजा एक जल-जनित रोग है जो ‘विब्रियो कोलेरा’ नामक जीवाणु (Bacterium Vibrio cholerae) से दूषित भोजन या जल के सेवन के कारण होने वाला एक तीव्र अतिसार रोग है, इसे ‘कॉलरा’ भी कहा जाता है। यह आंत के संक्रमण के कारण होने वाली एक तीव्र दस्त संबंधी बीमारी है। संक्रमण अक्सर हल्का अथवा बिना लक्षण वाला होता है, लेकिन कभी-कभी गंभीर भी हो सकता है। हैजा के अधिकांश मामले लगातार अफ्रीका और एशिया से सामने आते है, यूरोप में छिटपुट रूप से आयतित मामले सामने आते है।

लक्षण:

  • गंभीर पानीदार दस्त की अचानक शुरुआत, उल्टी, निर्जलीकरण, पेट दर्द तथा पैर में ऐंठन आदि।
  • यदि उपचार न किया जाए तो कुछ घंटों के भीतर मृत्यु हो सकती है।

कारण एवं संचरण:

  • यह कम प्रतिरक्षा वाले लोगों, जैसे कुपोषित बच्चों एवं HIV/AIDS वाले लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है।
  • हैजा संचरण और स्वच्छ जल और स्वच्छता सुविधाओं तक अपर्याप्त पहुंच के परिणामस्वरूप सहजीवी संबंध एक महत्वपूर्ण कारक है। विशेष रूप से विब्रियो कॉलेरी बैक्टीरिया कम लवणता वाले गर्म पानी में पनपते है।
  • यह जलवायु परिवर्तन से प्रेरित बाढ़, हीटवेव, तीव्र मानसूनी बारिश, तूफान और लंबे समय तक गर्म अवधि के कारण स्थितियाँ और तीव्र हो जाती है।
  • आपदाएँ एवं संघर्ष पेयजल तथा स्वच्छता के बुनियादी ढांचे को बाधित कर सकते है, जिससे हैजा के प्रसार को रोकना मुश्किल हो जाता है।
  • किसी व्यक्ति को हैजा, दूषित जल पीने अथवा भोजन खाने से भी हो सकता है।
  • सीवेज एवं पेयजल के अपर्याप्त उपचार वाले क्षेत्रों तथा स्वच्छता सुविधाओं तक अपर्याप्त पहुंच से हैजा फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
  • संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क (जैसे हाथ मिलाना) आदि से भी फैल सकता है।

उपचार एवं रोकथाम:

  1. हैजा को नियंत्रित करने और मौतों को कम करने के लिए निगरानी, जल, स्वच्छता, सामाजिक गतिशीलता, उपचार और मौखिक हैजा टीकों का उपयोग किया जाता है।
  2. संक्रमित लोगों में से अधिकांश में कोई लक्षण नहीं होते हैं या हल्के लक्षण होते है और उनका मौखिक पुनर्जलीकरण समाधान (ORS) के साथ सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।
  3. बड़े पैमाने पर विनिर्माण निवेश के सफल होने की प्रतीक्षा करते हुए, मौखिक हैजा वैक्सीन के लिए आपातकालीन भंडार के प्रबंधन ने टीकाकरण व्यवस्था को संशोधित किया है, इसे दो खुराक से घटाकर एक खुराक कर दिया है।
  4. इस रणनीतिक समायोजन का उद्देश्य हैजा के टीकाकरण की दक्षता और पहुंच को बढ़ाना है।
  5. हैजा का इलाज पुनर्जलीकरण से भी किया जाता है, जो शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है।
  6. गंभीर मामलों में अंत:शिरा तरल पदार्थ और एंटीबायोटिक दवाओं के साथ तेजी से उपचार की आवश्यकता होती है।

मध्य-पूर्व एवं एशिया में हैजा के मामले कम हुए हैं, लेकिन अफ्रीका में दोगुने हो गए है। जो स्वास्थ्य देखभाल पहुँच में असमानताओं को उजागर करता है। हालांकि भारत में हैजा का प्रकोप सामान्य है।

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