Sawan 2025 Rudrabhishek Timing : जानें रुद्राभिषेक की तिथियां, विधि और लाभ

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सावन 2025 में करें भगवान शिव को प्रसन्न रुद्राभिषेक से

सावन 2025 में करें भगवान शिव को प्रसन्न रुद्राभिषेक से

Sawan 2025 Rudrabhishek Timing : श्रावण मास, जिसे आमतौर पर सावन कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण समय माना जाता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इसकी हर एक तिथि भक्तों के लिए एक नया आध्यात्मिक अनुभव लेकर आती है। सावन में व्रत, उपवास, मंत्र जाप, ध्यान और विशेष रूप से रुद्राभिषेक का अत्यधिक महत्व है।

श्रावण मास का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

श्रावण मास में प्रकृति हरियाली से भर जाती है और वातावरण में एक अलौकिक ऊर्जा का संचार होता है। इस महीने में शिवभक्त सुबह-सवेरे उठकर स्नान करते हैं, व्रत रखते हैं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। माना जाता है कि सावन में की गई शिव पूजा सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक फल देती है।

सावन सोमवार व्रत और उसका महत्व

श्रावण मास के हर सोमवार को “सावन सोमवार व्रत” के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव को प्रसन्न करने, विवाह योग्य कन्याओं को उत्तम वर प्राप्त होने और विवाहित स्त्रियों को दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। कई श्रद्धालु इस मास से सोलह सोमवार व्रत की भी शुरुआत करते हैं।

रुद्राभिषेक का महत्व

रुद्राभिषेक, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाने वाला एक अत्यंत पवित्र वैदिक अनुष्ठान है। इसमें शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) और जल से अभिषेक किया जाता है, साथ ही मंत्रों का उच्चारण होता है।

रुद्राभिषेक से होने वाले लाभ

  • मानसिक शांति और आत्मिक बल की प्राप्ति

  • आर्थिक कष्टों का निवारण

  • वैवाहिक जीवन में सामंजस्य

  • रोग-शोक का नाश और उत्तम स्वास्थ्य

  • ग्रह दोषों की शांति

  • नकारात्मक ऊर्जा का नाश और सकारात्मक ऊर्जा का संचार

सावन 2025 में रुद्राभिषेक के शुभ मुहूर्त

सावन की शुरुआत: 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार)

सावन सोमवार की तिथियां:

  1. 14 जुलाई 2025 – पहला सावन सोमवार

  2. 21 जुलाई 2025 – दूसरा सावन सोमवार

  3. 28 जुलाई 2025 – तीसरा सावन सोमवार

  4. 4 अगस्त 2025 – चौथा सावन सोमवार

✦ अन्य महत्वपूर्ण तिथियां:

  • सावन शिवरात्रि – 23 जुलाई 2025 (बुधवार)

  • नाग पंचमी – 29 जुलाई 2025 (मंगलवार)

  • सावन पूर्णिमा – 9 अगस्त 2025

  • प्रदोष व्रत (सावन) – 6 अगस्त 2025

इन सभी तिथियों पर रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है।

रुद्राभिषेक की विधि

आवश्यक सामग्री:

  • जल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल (पंचामृत)

  • बेलपत्र, धतूरा, आक फूल, भस्म

  • चंदन, फल, फूल, अक्षत

  • दीपक, धूप, कपूर

  • ‘ॐ नमः शिवाय’ व महामृत्युंजय मंत्र

विधि:

  1. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. पूजा स्थल या शिवलिंग को गंगाजल से शुद्ध करें।

  3. भगवान शिव को बेलपत्र, जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल अर्पित करें।

  4. मंत्रों का जाप करते हुए अभिषेक करें।

  5. अंत में दीप, धूप और कपूर से आरती करें और प्रसाद बांटें।

मंत्र:
ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

घर में करें सरल रुद्राभिषेक

अगर किसी कारणवश मंदिर जाना संभव न हो, तो आप घर पर ही शिवलिंग पर रुद्राभिषेक कर सकते हैं। जल, दूध और बेलपत्र से भी श्रद्धापूर्वक की गई पूजा भगवान शिव को उतनी ही प्रिय होती है। यदि पंचामृत न हो, तो केवल जलाभिषेक भी अत्यंत फलदायक होता है।

रुद्राभिषेक कराते समय रखें ये बातें ध्यान में

  • रुद्राभिषेक यदि ब्राह्मण द्वारा वेद मंत्रों के साथ करवाया जाए, तो श्रेष्ठ माना जाता है।

  • सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष, पूर्णिमा जैसे दिन रुद्राभिषेक के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं।

  • अभिषेक के समय मन में कोई नकारात्मक विचार न रखें।

  • पूजा में प्रयुक्त जल या पंचामृत शुद्ध होना चाहिए।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के आसान उपाय

  1. प्रतिदिन सुबह ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।

  2. सोमवार के दिन व्रत रखें और शिवलिंग पर जल व बेलपत्र चढ़ाएं।

  3. शिव पुराण का पाठ करें और सच्चे मन से प्रार्थना करें।

  4. अहंकार, क्रोध और द्वेष जैसे भावों से दूर रहें।

  5. गरीबों को भोजन कराएं और दान-पुण्य करें।

सावन में शिव पूजा का विशेष महत्व क्यों?

सावन के महीने में समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था, जिससे उन्हें अपार पीड़ा हुई। तब देवताओं और ऋषियों ने उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए जल से अभिषेक किया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि सावन में शिवलिंग पर जल, दूध और पंचामृत चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है।

श्रावण मास, भक्ति, साधना और भगवान शिव से जुड़ने का सर्वोत्तम समय है। इस पावन मास में किया गया रुद्राभिषेक न केवल आध्यात्मिक उत्थान करता है बल्कि जीवन की अनेक समस्याओं से मुक्ति भी दिलाता है। यदि श्रद्धा, नियम और भक्ति के साथ यह अनुष्ठान किया जाए, तो भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति निश्चित होती है।

🕉 इस सावन में रुद्राभिषेक करके भगवान शिव की विशेष कृपा पाएं और अपने जीवन को बनाएं शांत, समृद्ध और सफल। हर हर महादेव!

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