नई दिल्ली: हिंदू धर्म को लेकर अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाने वाली विश्व हिंदू परिषद (VHP) की नेता साध्वी प्राची एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने हिंदू समाज से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील करते हुए इसे मठों और मंदिरों की सेवा के लिए आवश्यक बताया है।
क्या कहा साध्वी प्राची ने?
उत्तर प्रदेश के एक धार्मिक कार्यक्रम में साध्वी प्राची ने कहा –
“हिंदू परिवार दो बच्चों की नीति छोड़ दें। कम से कम चार से पांच बच्चे पैदा करें। हमारे मठों, मंदिरों और आश्रमों को भी सेवक चाहिए। अगर हम अपने धर्म के लिए बच्चे नहीं पैदा करेंगे, तो कौन करेगा?”
उन्होंने यह भी कहा कि धर्म की रक्षा के लिए जनसंख्या में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, नहीं तो आने वाले वर्षों में हिंदू संस्कृति खतरे में पड़ सकती है।
मठ-मंदिरों को सेवक नहीं मिल रहे?
साध्वी का कहना है कि आज मठों और मंदिरों को योग्य सेवक नहीं मिल पा रहे हैं। युवाओं का रुझान धार्मिक और आध्यात्मिक सेवा की ओर कम हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू समाज अपने ही धर्मस्थलों को कर्मठ सेवक नहीं देगा, तो हमारी संस्कृति की जड़ें कमजोर होंगी।
जनसंख्या नियंत्रण बनाम धार्मिक संरक्षण
जब एक ओर सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है, वहीं साध्वी प्राची का यह बयान उस विचारधारा के विपरीत है। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि को धार्मिक जरूरत के रूप में प्रस्तुत किया है। उनका मानना है कि यदि हिंदू समाज ने अब कदम नहीं उठाए, तो जनसंख्या असंतुलन खतरनाक मोड़ पर पहुंच सकता है।
बयान पर उठे सियासी सवाल
साध्वी प्राची के इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्षी दलों ने इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश बताया है, वहीं कुछ संत समाज और हिंदू संगठन उनके समर्थन में उतर आए हैं।
सोशल मीडिया पर बहस
इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। कुछ लोगों ने साध्वी की बात को हिंदू समाज की जागरूकता का आह्वान बताया, जबकि कई यूजर्स ने इसे अवास्तविक और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया।
पहले भी दे चुकी हैं विवादास्पद बयान
गौरतलब है कि साध्वी प्राची इससे पहले भी कई बार विवादास्पद बयान दे चुकी हैं। कभी ‘गौ हत्या’ के नाम पर, तो कभी ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दों पर, उन्होंने मुखर होकर अपनी बात कही है। इस बार उनका फोकस जनसंख्या वृद्धि और धर्म विशेष के बढ़ते आंकड़ों पर रहा।
जनता की राय क्या कहती है?
सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे हिंदू समाज को जागरूक करने वाला कदम बता रहे हैं, वहीं कई यूजर्स ने इसे देश की सामाजिक एकता के खिलाफ बताया।
साध्वी प्राची का यह बयान निश्चित रूप से जनसंख्या नीति और धार्मिक विचारधारा को लेकर नए विवाद को जन्म दे सकता है। अब देखना यह है कि समाज और सरकार इस पर क्या रुख अपनाते हैं – धार्मिक आवश्यकता की पूर्ति या जनसंख्या नियंत्रण का अनुशासन?