क्यों S-400 को मिला ‘सुदर्शन चक्र’ का नाम? जानिए इसकी विनाशकारी ताकत और रणनीतिक भूमिका

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क्यों S-400 को मिला ‘सुदर्शन चक्र’ का नाम? जानिए इसकी विनाशकारी ताकत और रणनीतिक भूमिका

क्यों S-400 को मिला ‘सुदर्शन चक्र’ का नाम? जानिए इसकी विनाशकारी ताकत और रणनीतिक भूमिका

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के सबसे घातक और उन्नत हथि‍यारों में से एक S-400 ट्रायंफ मिसाइल डिफेंस सिस्टम को अब भारतीय सेना ने एक नया नाम दिया है — ‘सुदर्शन चक्र’। यह नाम केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि भारत की सैन्य परंपरा, आध्यात्मिक विरासत और तकनीकी शक्ति का अद्भुत मेल भी है।

सवाल उठता है – आखिर क्यों एक रूसी तकनीक आधारित मिसाइल सिस्टम को ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया गया? इसके पीछे रणनीतिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक सभी कारण हैं।

‘सुदर्शन चक्र’ नाम के पीछे की सोच

‘सुदर्शन चक्र’ हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का वह दिव्य अस्त्र है, जो अत्यंत घातक और अचूक माना जाता है। यह चक्र दुश्मनों का विनाश करने में सक्षम होता है और लौटकर वापिस आता है। बिल्कुल इसी तरह, S-400 सिस्टम भी 360 डिग्री कवरेज और ट्रैकिंग-स्ट्राइक एक्यूरेसी के लिए जाना जाता है।

इसलिए भारतीय सेना ने इसे प्रतीकात्मक रूप से ‘सुदर्शन चक्र’ का नाम दिया — जो न केवल इसकी ताकत को दर्शाता है, बल्कि दुश्मनों के लिए यह एक मनोवैज्ञानिक हथियार भी बन जाए।

S-400 की विनाशकारी क्षमताएं

S-400 रूस की Almaz-Antey द्वारा विकसित की गई अत्याधुनिक एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। भारत ने रूस से इस प्रणाली की 5 यूनिट्स का सौदा किया है।

इसकी कुछ घातक विशेषताएं:

  • रेंज: 400 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकता है

  • टारगेट: एक साथ 36 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है

  • स्पीड: मैक 14 (ध्वनि की गति से 14 गुना तेज)

  • लक्ष्य प्रकार: लड़ाकू विमान, मिसाइल, ड्रोन्स, यहां तक कि स्टील्थ एयरक्राफ्ट को भी ट्रैक कर सकता है

  • रडार सिस्टम: फेज़्ड ऐरे रडार्स और मल्टी लेयर कवरेज

भारत के लिए गेम चेंजर

भारत ने S-400 को चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किया है। यह सिस्टम दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को शुरुआती स्तर पर ही डिटेक्ट और न्यूट्रलाइज़ कर सकता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि S-400 की तैनाती से भारत की हवाई सुरक्षा क्षमता तीन गुना बढ़ गई है, और यह किसी भी संभावित दो मोर्चों के युद्ध में भारत को निर्णायक बढ़त दिला सकता है।

अमेरिका की चिंता और भारत का रुख

S-400 को लेकर अमेरिका ने भारत को चेतावनी दी थी कि रूस से यह सिस्टम खरीदने पर CAATSA (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) के तहत प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। लेकिन भारत ने अपने रणनीतिक हितों को सर्वोपरि मानते हुए सौदे को आगे बढ़ाया।

‘सुदर्शन चक्र’ सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक संदेश है — कि भारत अब हर क्षेत्र में अपनी संस्कृति और शक्ति दोनों को मिलाकर आगे बढ़ रहा है। S-400 सिस्टम की तैनाती ने भारतीय वायु सुरक्षा को एक नई ऊंचाई दी है, और यह नाम इसे एक आध्यात्मिक और रणनीतिक पहचान भी प्रदान करता है।

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