रांची जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: भगवान पहुंचे मौसी के घर, देखें मेले की भव्यता

रांची में निकली ऐतिहासिक रथ यात्रा: भगवान जगन्नाथ पहुंचे मौसी के घर

रांची में निकली ऐतिहासिक रथ यात्रा: भगवान जगन्नाथ पहुंचे मौसी के घर

रांची: आज झारखंड की राजधानी रांची एक बार फिर भक्ति और उल्लास से सराबोर हो गई, जब 360 साल पुराने जगन्नाथपुर मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा निकाली गई। हर साल की तरह इस बार भी यह रथ यात्रा भगवान के मौसी के घर (मौसीबाड़ी) तक जाती है। इस ऐतिहासिक यात्रा में भाग लेने के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े और ध्रुवा क्षेत्र एक विशाल जनसैलाब में तब्दील हो गया।

360 साल पुरानी परंपरा

रांची का जगन्नाथपुर मंदिर, जिसे 1691 में राजा ठाकुर ऐनीनाथ शहदेव ने बनवाया था, ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बना हुआ है। इस मंदिर से निकलने वाली रथ यात्रा झारखंड की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी की ओर प्रस्थान करते हैं, जहाँ वे नौ दिनों तक विश्राम करते हैं।

श्रद्धालुओं का जनसैलाब, रथ छूने की होड़

हर साल की तरह इस बार भी हजारों श्रद्धालु रथ को छूने के लिए आतुर दिखे। मान्यता है कि रथ को छूने मात्र से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है। यात्रा के दौरान भक्तों ने कीर्तन, जयकारों और भजन के साथ पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।

9 दिन का रंग-बिरंगा मेला

रथ यात्रा के साथ ही ध्रुवा क्षेत्र में 9 दिनों तक चलने वाला विशाल मेला भी शुरू हो गया है। इस मेले में:

सुरक्षा और व्यवस्था चाक-चौबंद

मेले की भीड़ और रथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए 700 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे ट्रैफिक रूट और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।

रांचीवासियों के लिए खास है ये नौ दिन

इन नौ दिनों में रांची का माहौल पूरी तरह भक्ति, उत्सव और मेल-जोल से भर जाता है। हर शाम रथ स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्या और स्थानीय लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां भी होती हैं, जो मेले को और भी रंगीन बना देती हैं।

आप भी बनें हिस्सा!

अगर आप रांची में हैं या आसपास रहते हैं, तो इस भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा और मेले में जरूर शामिल हों। भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लें, झारखंडी व्यंजनों का आनंद उठाएं और लोक परंपराओं की झलक देखें।

नोट: घर से निकलने से पहले प्रशासन द्वारा जारी ट्रैफिक डायवर्जन और सुरक्षा दिशा-निर्देश जरूर पढ़ लें।

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