Raksha Bandhan 2025 : राखी बांधने के सही नियम, 3 शुभ गांठें, दिशा और मुहूर्त

Raksha Bandhan 2025 : भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व इस साल 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है, जबकि भाई अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राखी बांधते समय कुछ विशेष नियम और परंपराओं का पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है?

आइए जानते हैं राखी बांधते समय कितनी गांठें लगाना शुभ है, किस दिशा में भाई को बैठाना चाहिए और 2025 में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है।

राखी बांधते समय कितनी गांठें लगाना शुभ है?

राखी बांधते समय केवल कलाई पर धागा बांधना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि गांठों की संख्या का भी विशेष महत्व है।

इसलिए यदि संभव हो तो राखी बांधते समय तीन गांठें लगाना सबसे शुभ माना गया है।

Raksha Bandhan 2025 : राखी बांधने के सही नियम, 3 शुभ गांठें, दिशा और मुहूर्त

राखी बांधने की सही दिशा

राखी बांधते समय भाई को किस दिशा में बैठाना चाहिए, इसका भी विशेष महत्व है।

राखी बांधने के नियम

राखी बांधने के दौरान शास्त्रों में बताए गए कुछ नियमों का पालन करना शुभ माना जाता है:

  1. भाई की आरती करें: राखी बांधने से पहले बहन को भाई की आरती करनी चाहिए।

  2. तिलक लगाएं: रोली और चावल से भाई के माथे पर तिलक लगाना जरूरी है।

  3. मीठा खिलाएं: राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलानी चाहिए।

  4. संकल्प लें: भाई को अपनी बहन की रक्षा का वचन देना चाहिए।

  5. मंत्र उच्चारण करें: राखी बांधते समय “ॐ येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।” मंत्र का उच्चारण करना अत्यंत शुभ माना गया है।

रक्षा बंधन 2025 का शुभ मुहूर्त

इस साल रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ समय इस प्रकार रहेगा:

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राखी बांधने के दौरान क्या न करें?

रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं बल्कि भाई-बहन के रिश्ते का अटूट बंधन है। सही नियमों, शुभ दिशा और उचित मुहूर्त में राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम और विश्वास बढ़ता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस बार राखी बांधते समय तीन गांठें लगाएं, शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें और अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें।

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