नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में चल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अस्थायी स्थगन के बीच संसद में सरकार की ओर से बड़ा बयान आया है।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है,
“भारत किसी भी बाहरी या आंतरिक हस्तक्षेप से नहीं झुकेगा। ऑपरेशन सिंदूर स्थगित हुआ है, लेकिन यह कोई स्थायी युद्ध विराम नहीं है। हमारी कार्रवाई निर्णायक और समय आने पर और भी तीव्र होगी।”
🔹 पीएम का कड़ा रुख:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक के बाद स्पष्ट किया कि भारत अब ‘पहले वार न करने की नीति’ से ‘पहले चेतावनी न देने की नीति’ की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा:
“कोई भारत को झुका नहीं सकता, न आतंक से, न दबाव से। कश्मीर हमारा है, और रहेगा।”
🔹 क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
-
‘ऑपरेशन सिंदूर’ जम्मू-कश्मीर में चलाया गया एक विशेष सैन्य अभियान है, जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को खत्म करना और सीमा पार से हो रही घुसपैठ को रोकना था।
-
इस ऑपरेशन के तहत अब तक 25 से अधिक आतंकियों का सफाया किया गया है और कई पाकिस्तानी हथियार जब्त किए गए हैं।
🔹 क्यों हुआ ऑपरेशन स्थगित?
-
अंतरराष्ट्रीय दबाव और कुछ रणनीतिक कारणों के चलते फिलहाल ऑपरेशन को “रणनीतिक विराम” दिया गया है।
-
लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि यह युद्धविराम नहीं, बल्कि अगली निर्णायक कार्रवाई की तैयारी है।
🔹 विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया:
विपक्ष ने सरकार से इस “स्थगन” के पीछे की पूरी जानकारी साझा करने की मांग की है, जबकि आम जनता और सैन्य विश्लेषकों ने पीएम के रुख का स्वागत करते हुए इसे “नया भारत की नीति” बताया है।
प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के कड़े संदेश ने यह साफ कर दिया है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति पर है। ऑपरेशन सिंदूर भले स्थगित हुआ हो, लेकिन युद्ध का मनोबल और उद्देश्य जिंदा है — और यह आतंक के अंत तक जारी रहेगा।