दो विमान हादसे, एक सीट 11A: कैसे बची दो यात्रियों की जान?

सीट 11A: दो विमान हादसों में एक ही सीट पर कैसे बची दो यात्रियों की जान?

सीट 11A: दो विमान हादसों में एक ही सीट पर कैसे बची दो यात्रियों की जान?

दो विमान हादसे, एक सीट 11A: कैसे बची दो यात्रियों की जान?

विमान यात्रा के दौरान सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होती है, लेकिन कभी-कभी कुछ घटनाएँ ऐसी घटित होती हैं जो हमारी समझ से परे होती हैं। हाल ही में हुए दो बड़े विमान हादसों में एक समानता सामने आई है: दोनों में एक यात्री ने सीट नंबर 11A पर बैठकर चमत्कारी तरीके से जान बचाई।

एयर इंडिया फ्लाइट 171: अहमदाबाद से लंदन की उड़ान

12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, लेकिन एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश, ने सीट 11A पर बैठकर चमत्कारी तरीके से जान बचाई। रमेश ने बताया कि वह बिजनेस क्लास में यात्रा कर रहे थे और उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद विमान में हलचल महसूस हुई। उन्होंने तुरंत इमरजेंसी डोर के पास पहुंचकर बाहर कूदने का प्रयास किया और किसी तरह बच निकले।

थाई एयरवेज फ्लाइट 261: 1998 का हादसा

यहां तक कि 1998 में थाई एयरवेज की फ्लाइट 261 में भी एक यात्री, रुआंगसाक लोयचुसाक, सीट 11A पर बैठकर दुर्घटना में जीवित बच गए थे। इस हादसे में 101 लोगों की जान चली गई थी, लेकिन लोयचुसाक ने अपनी सीट के पास इमरजेंसी डोर के पास पहुंचकर बाहर कूदने का प्रयास किया और किसी तरह बच निकले।

सीट 11A का रहस्यमय कनेक्शन

दोनों हादसों में एक समानता यह है कि दोनों यात्रियों ने सीट नंबर 11A पर बैठकर चमत्कारी तरीके से जान बचाई। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि किसी विशेष सीट को सबसे सुरक्षित मानना गलत है। विमान दुर्घटनाओं में जीवित बचने के कई कारक होते हैं, जैसे इमरजेंसी डोर के पास बैठना, सुरक्षा उपायों का पालन करना और भाग्य।

इन दोनों घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि विमान यात्रा के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। सीट नंबर 11A का रहस्यमय कनेक्शन केवल एक संयोग हो सकता है, लेकिन यह हमें यह याद दिलाता है कि सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।

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