पथनीर: ताड़ के अमृत की परंपरा और स्वास्थ्यवर्धक गुण, तमिलनाडु की अनोखी विरासत

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पथनीर: ताड़ के अमृत की परंपरा और स्वास्थ्यवर्धक गुण | तमिलनाडु की अनोखी विरासत

तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले की तपती धूप और समुद्री हवाओं के बीच, कुछ ऐसे लोग हैं जो पीढ़ियों से ताड़ के पेड़ों पर चढ़कर प्रकृति का अमूल्य उपहार – पथनीर – इकट्ठा करते आ रहे हैं। यह कोई साधारण काम नहीं, बल्कि कौशल, धैर्य और परंपरा का संगम है। ताड़ के ये सजीव स्तंभ न केवल छांव देते हैं, बल्कि अपने अंदर एक मीठा, ठंडा, और बेहद पौष्टिक रस संजोए रखते हैं – जिसे हम पथनीर या “ताड़ अमृत” के नाम से जानते हैं। पथनीर, ताड़ के फूलों से निकलने वाला एक मीठा, ताजा और शीतल पेय है, जो गर्मियों में शरीर को ठंडक देने, ऊर्जा प्रदान करने और पोषण संतुलन बनाए रखने में बेहद सहायक होता है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं, और यह एक शक्तिशाली प्राकृतिक हाइड्रेटर के रूप में जाना जाता है।

लेकिन यह पेय जितना कीमती है, इसे हासिल करना उतना ही कठिन। जो लोग ताड़ के पेड़ों पर चढ़कर इसे निकालते हैं, उन्हें दिन-प्रतिदिन घटती मांग, आधुनिक पेय पदार्थों की प्रतिस्पर्धा और आर्थिक अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा है। यह केवल एक पेय नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जो धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। आज जरूरत है कि हम इस पारंपरिक विरासत को फिर से पहचानें, इसके लाभों को समझें और पथनीर को एक बार फिर से हमारे जीवन का हिस्सा बनाएं – न केवल स्वाद के लिए, बल्कि स्वास्थ्य और परंपरा को सहेजने के लिए भी।

पथनीर के बारे में

  • पथनीर, जिसे ताड़ अमृत या नीरा के नाम से भी जाना जाता है, ताड़ी के फूलों के रस से बना एक पारंपरिक, ताजा और एक मीठा, गैर-मादक पेय है।
  • इस रस को करुपट्टी (ताड़ का गुड़) और पनाम कालकंडु (ताड़ की कैंडी) में संसाधित किया जाता है।
  • यह अपनी समृद्ध पोषण सामग्री और शीतलन गुणों के कारण कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
  • यह दक्षिण भारत, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, म्यांमार और विश्व के अन्य हिस्सों में एक लोकप्रिय पेय है।
  • निष्कर्षण: पथनीर आमतौर पर नारियल या ताड़ के पेड़ों पर चढ़कर हाथ से इसे ताड़ के बंद डंठलों के कोमल पत्तों और फूलों के डंठल से निकाला जाता है।
  • यह हाइड्रेट करने का एक प्राकृतिक तरीका है, विशेष रूप से गर्म मौसम के दौरान, क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।
  • रस को मिट्टी के बर्तनों में इकट्ठा किया जाता है, और प्रायः किण्वन को रोकने के लिए इसमें थोड़ा सा चुना या कैल्शियम कार्बोनेट मिलाया जाता है।
  • इसका उपयोग विभिन्न पाक कला में भी किया जा सकता है, जैसे कि खीर (हलवा) में।

पथनीर के पोषण और स्वास्थ्य संबंधी लाभ

  • यह इलेक्ट्रोलाइट्स का एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर में जलयोजन और द्रव संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • पथनीर में विभिन्न विटामिन (विशेष रूप से B विटामिन और विटामिन C) और खनिज (जैसे कैल्शियम,पोटेशियम, मैग्नीशियम,फास्फोरस और आयरन) प्रचुर मात्रा में होते हैं तथा इसमें कैलोरी और वसा कम मात्रा में उपलब्ध होती है।
  • पथनीर अपने शीतल प्रभाव के लिए जाना जाता है और शरीर की गर्मी को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे यह उष्णकटिबंधीय जलवायु में एक लोकप्रिय विकल्प बन जाता है।
  • कुछ अध्ययनों से पता चला है कि पथनीर में सूजनरोधी गुण भी होते है।
  • पथनीर में मौजूद फाइबर स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है और कब्ज से राहत दिलाने में भी मदद करता है।

पथनीर केवल ताड़ के फल का रस ही नहीं बल्कि प्राकृतिक ग्रीष्मकालीन एवं लोकप्रिय, स्वादिष्ट और बेहद पौष्टिक पेय पदार्थ है। इसके साथ ही ये एक अच्छा टॉनिक, मूत्रवर्धक, शीतलतावर्धक, रेचक और सुजनरोधी एवं कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का एक बेहतरीन इलाज है। यह देश के कुछ हिस्सों में, यह गर्मियों का एक पसंदीदा पेय है और ये केवल गर्मियों के मौसम में ही उपलब्ध रहता है।

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