पालघर की मेडली फार्मा कंपनी में नाइट्रोजन गैस रिसाव, 4 मजदूरों की मौत, 2 गंभीर

महाराष्ट्र के पालघर जिले के तारापुर एमआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र में शुक्रवार को एक दर्दनाक औद्योगिक हादसा हुआ। मेडली फ़ार्मास्युटिकल्स के निर्माण संयंत्र (प्लॉट नंबर F-13) में नाइट्रोजन गैस के रिसाव से 4 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 2 अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है।
हादसा कैसे हुआ?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा दोपहर 2:30 से 3:00 बजे के बीच एल्बेंडाजोल नामक दवा के उत्पादन के दौरान हुआ। इसी प्रक्रिया के बीच अचानक नाइट्रोजन गैस का रिसाव शुरू हो गया। गैस के संपर्क में आते ही वहां मौजूद मजदूरों को दम घुटने जैसी परेशानी होने लगी।
हड़बड़ाहट में सभी कर्मचारी संयंत्र से बाहर भागने लगे, लेकिन 6 मजदूर गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए।
मृतकों और घायलों की पहचान
हादसे में जिन चार मजदूरों की मौत हुई है, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
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कल्पेश राउत
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बंगाली ठाकुर
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धीरज प्रजापति
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कमलेश यादव
गंभीर रूप से घायल मजदूर:
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रोहन शिंदे
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निलेश हाडल
दोनों घायलों को बोईसर के शिंदे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उन्हें आईसीयू में रखा गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन और कंपनी की प्रतिक्रिया
हादसे के तुरंत बाद, कंपनी की फायर फाइटिंग टीम ने स्थिति पर काबू पाया और गैस रिसाव को नियंत्रित किया। साथ ही, स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
कंपनी या स्थानीय अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी एक बड़ी वजह हो सकती है।
पहले भी हुए हैं ऐसे हादसे
यह पहला मौका नहीं है जब नाइट्रोजन या जहरीली गैस के रिसाव से मजदूरों की मौत हुई हो। हाल ही में, कर्नाटक के मंगलुरु जिले में स्थित Mangalore Refinery and Petrochemicals Ltd. (MRPL) में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी, जिसमें 2 कर्मचारियों की मौत हुई थी। यह हादसा टैंक निरीक्षण के दौरान हुआ था।
प्रशासन की अगली कार्रवाई क्या होगी?
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जांच टीम गठित की जा रही है
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सेफ्टी प्रोटोकॉल और कंपनी की लापरवाही की जांच की जाएगी
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घायलों का इलाज जारी है, मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग
औद्योगिक क्षेत्रों में गैस रिसाव जैसी घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। यह हादसा न सिर्फ कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि नियामक संस्थाओं की सतर्कता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। अब देखना होगा कि इस दुर्घटना के बाद सरकार और कंपनियां मजदूर सुरक्षा को लेकर क्या ठोस कदम उठाती हैं।