भारत और पाकिस्तान के बीच चाहे राजनीतिक रिश्ते जैसे भी रहे हों, लेकिन धार्मिक और आध्यात्मिक जुड़ाव ने हमेशा इन दोनों देशों को आपस में जोड़े रखा है। हर साल हजारों पाकिस्तानी मुसलमान भारत में मौजूद ऐतिहासिक दरगाहों और धार्मिक स्थलों की जियारत के लिए आते हैं। ये स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि भारत-पाकिस्तान के साझा सांस्कृतिक इतिहास के गवाह भी हैं।
आइए जानते हैं भारत की उन 5 प्रमुख जगहों के बारे में, जहां पाकिस्तानी मुसलमानों की सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है:
- अजमेर शरीफ दरगाह (राजस्थान)
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर शरीफ भारत में सूफी इस्लाम का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। हर साल उर्स के मौके पर हजारों पाकिस्तानी जायरीन (यात्री) अजमेर आते हैं।
यह दरगाह प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश देती है। पाकिस्तान के कई प्रमुख नेता और आम लोग यहां आकर मन्नतें मांगते हैं और दुआ करते हैं।
- हजरत निज़ामुद्दीन औलिया दरगाह (दिल्ली)
दिल्ली में स्थित हजरत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह भी पाकिस्तानी मुसलमानों के बीच बेहद लोकप्रिय है। सूफी संत निजामुद्दीन औलिया को श्रद्धांजलि देने और दुआ करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं।
खासकर रमजान और उर्स के दौरान यह जगह हजारों पाकिस्तानी जायरीनों से गुलजार रहती है।
- दरगाह सैयदना अमीर खुसरो (दिल्ली)
हजरत निजामुद्दीन के प्रिय शिष्य और मशहूर शायर अमीर खुसरो की मजार भी पाकिस्तानी मुसलमानों के लिए एक बड़ा आस्था स्थल है।
अमीर खुसरो की कव्वालियां और सूफी संगीत आज भी भारत-पाकिस्तान दोनों में समान श्रद्धा से गाए जाते हैं। यहां आकर लोग अमन और भाईचारे की दुआ मांगते हैं।
- हज़रत ख्वाजा बंधा नवाज़ दरगाह (गुलबर्गा, कर्नाटक)
कर्नाटक के गुलबर्गा शहर में स्थित ख्वाजा बंधा नवाज़ गेसू दराज़ की दरगाह भी पाकिस्तानी जायरीनों के आकर्षण का केंद्र है।
यहां का उर्स विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है और पाकिस्तान से कई श्रद्धालु इस मौके पर यहां हाजिरी देने आते हैं। इस दरगाह की खूबसूरत वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण बेहद प्रसिद्ध है।
- दरगाह मखदूम अली महिमी (मुंबई)
मुंबई के महिम इलाके में स्थित मखदूम अली महिमी की दरगाह भी पाकिस्तान से आने वाले मुसलमानों की सूची में शामिल है।
मुंबई में हर साल उर्स के समय लाखों की भीड़ इस दरगाह पर जुटती है। पाकिस्तानी जायरीन यहां अमन, सुख और भाईचारे के लिए दुआ मांगते हैं।
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में धर्म का सेतु
भले ही दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव बना रहता हो, लेकिन इन धार्मिक स्थलों के जरिए दिलों को जोड़ने का काम अब भी जारी है। भारत सरकार भी विशेष परमिट के जरिए पाकिस्तानी नागरिकों को इन पवित्र स्थलों की जियारत करने का अवसर देती है।
धार्मिक यात्राएं भारत-पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती देती हैं और इंसानियत का पैगाम आगे बढ़ाती हैं।
भारत की इन पवित्र जगहों पर पाकिस्तानी मुसलमानों की आस्था आज भी जीवित है। ये स्थल हमें याद दिलाते हैं कि सीमाओं से परे भी दिलों का एक रिश्ता होता है, जो सदियों से चला आ रहा है।
आज भी लाखों लोग इन जगहों पर आकर दुआएं करते हैं और आपसी प्रेम व भाईचारे की मिसाल कायम करते हैं।