IMF बैठक से पहले पाकिस्तान का ‘लोन ट्वीट’ विवाद: अकाउंट हैक या बौखलाहट?

IMF बैठक से पहले पाकिस्तान का ‘लोन ट्वीट’ विवाद: अकाउंट हैक या बौखलाहट?

नई दिल्ली/इस्लामाबाद।
IMF बोर्ड की अहम बैठक से कुछ ही घंटे पहले पाकिस्तान में बड़ा डिजिटल ड्रामा हो गया। शुक्रवार तड़के Economic Affairs Division (EAD) के आधिकारिक X हैंडल @eadgop से एक पोस्ट हुआ, जिसमें विश्व बैंक व अन्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से “युद्ध क्षति और शेयर बाज़ार क्रैश” के नाम पर अतिरिक्त कर्ज की खुली अपील की गई। सिर्फ़ एक घंटा बीता और पाकिस्तान की सूचना एवं प्रसार मंत्रालय की “फ़ैक्ट–चेक” इकाई ने उसी पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लाल अक्षरों में ठप्पा लगाया—“FAKE – अकाउंट हैक हो गया!”

फ़ैक ट्वीट अलर्ट: “The account was hacked!!” — @FactCheckerMoIB

IMF पैकेज से ऐन पहले पाकिस्तान के मंत्रालय ने लोन माँगा, फिर कहा—“हैंडल हैक हो गया!”

EAD ने बाद में सफ़ाई दी कि वे किसी भी कर्ज़ याचना से जुड़ा ट्वीट “नहीं” करते; उनका अकाउंट हैक कर फ़र्जी संदेश डाला गया था।

क्या था ‘हैक’ बताए गए ट्वीट में?

इसी संदेश का स्क्रीनशॉट अब सोशल मीडिया पर वायरल है, जहाँ कई उपयोगकर्ता इसे “भीख माँगने का डिजिटल सुबूत” बता रहे हैं, तो कुछ लोग मंत्रालय के ‘हैक’ तर्क पर सवाल उठा रहे हैं।

यह पोस्ट शुक्रवार (अमेरिकी समय) को वाशिंगटन में पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज पर फैसला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की महत्वपूर्ण बैठक से पहले आया है।

आज ही IMF बोर्ड का फ़ैसला—भारत ने किया विरोध

अमेरिका व चीन के समर्थन से पैकेज पारित होने की संभावना अधिक मानी जा रही है, मगर भारत ने सदस्यों को “ग्राउंड रियैलिटी” बताने की मुहिम छेड़ दी है।


🤔 ‘हैक’ या ‘हिचकिचाहट’? विशेषज्ञ क्या कहते हैं

विशेषज्ञ टिप्पणी
साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट (इस्लामाबाद) “सरकारी हैंडल दो–फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन से सुरक्षित होते हैं; महज़ एक घंटे में ‘फ़र्जी पोस्ट’ ढूँढ कर हटाना संदिग्ध कहानी लगती है।”
अर्थशास्त्री (कराची) “IMF से पहले लाचारी दिखाकर सहानुभूति जुटाने की स्ट्रैटेजी हो सकती है; बैकलैश देखकर ‘हैक’ का कार्ड खेल दिया।”
रक्षा विश्लेषक (नई दिल्ली) “भारत के सैन्य दबाव और आर्थिक दुर्दशा ने पाकिस्तान को सार्वजनिक रूप से कर्ज़ माँगने को मजबूर किया; अब घरेलू आलोचना से बचने को ‘हैक’ कह रहे हैं।”

IMF पैकेज पर फ़ैसला चाहे जो हो, पर यह दिखाता है कि पाकिस्तान की वित्तीय नाड़ी कितनी नाज़ुक है। “पहले भीख, फिर हैक” वाली उलझन ने उसकी विश्वसनीयता को और चोट पहुँचाई है, और भारत को आतंकवाद–मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत तर्क दे दिया है।

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