गुरुद्वारे पर हमले के पीछे क्या है असीम मुनीर की साजिश? जवाब में खड़ी है पंजाब रेजिमेंट

सिखों को निशाना क्यों बना रहा है पाकिस्तान? जानिए पंजाब रेजिमेंट की ताकत
नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा की गई सख्त सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान बौखला गया है। जवाब में उसने नियंत्रण रेखा (LoC) पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में एक गुरुद्वारे पर हमला कर दिया। इस निंदनीय कृत्य में रागी भाई अमरीक सिंह समेत तीन लोगों की मौत हो गई।
इस घटना से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तानी सेना अब धार्मिक स्थलों और निर्दोष नागरिकों को भी टारगेट कर रही है, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और जिनेवा कन्वेंशन का सीधा उल्लंघन है।
गुरुद्वारे पर हमला: जानबूझकर सिख समुदाय को निशाना?
पाकिस्तान की सेना के जनरल असीम मुनीर के आदेश पर हुआ यह हमला, जानबूझकर सिख समुदाय को निशाना बनाने की साजिश माना जा रहा है। इस कायराना हमले से न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर में फैले सिख समुदाय में गहरा आक्रोश है।
विशेष रूप से भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट इस घटना से बेहद नाराज़ है और यदि हालात बिगड़ते हैं तो यह रेजिमेंट पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।
क्यों पाकिस्तान पर भारी पड़ सकती है पंजाब रेजिमेंट?
पंजाब रेजिमेंट भारतीय थल सेना की सबसे पुरानी और बहादुर रेजिमेंटों में से एक है। इसका इतिहास 1761 से शुरू होता है और यह दोनों विश्व युद्धों, 1947, 1965, 1971, और कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभा चुकी है।
प्रमुख विशेषताएं:
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भूगोलिक युद्ध क्षमता: मैदानी, रेगिस्तानी और पहाड़ी इलाकों में लड़ने में दक्ष।
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सीमावर्ती तैनाती: LoC और सियाचिन जैसे संवेदनशील इलाकों में लगातार तैनात रही।
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रणनीतिक और तकनीकी दक्षता: सर्जिकल स्ट्राइक जैसे तकनीकी और जोखिम भरे अभियानों में अग्रणी।
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फास्ट रिस्पॉन्स यूनिट: आकस्मिक हमलों, चौकियों पर कब्जा, और जवाबी कार्रवाई में बेहद तेज।
इस रेजिमेंट के सैनिक शौर्य, अनुशासन और देशभक्ति के प्रतीक हैं। यदि पाकिस्तान ने फिर ऐसी हरकत दोहराई, तो पंजाब रेजिमेंट जैसे यूनिट्स की जवाबी कार्रवाई उसके लिए बेहद घातक साबित हो सकती है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है। पाकिस्तान अब अपनी खिसियाहट में धार्मिक स्थलों पर हमला कर रहा है, लेकिन इस तरह की हरकतें उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अलग-थलग कर सकती हैं।
गुरुद्वारे पर हमला सिर्फ भारत के खिलाफ नहीं, बल्कि एक धर्म के सम्मान और शांति के प्रतीक पर हमला है। भारत की सेना, खासकर पंजाब रेजिमेंट, इस चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।