पहलगाम, जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच की रफ्तार तेज़ कर दी है। आज एनआईए के महानिदेशक सदानंद दाते खुद बैसरन घाटी के घटनास्थल पर पहुंचे और जांच कार्यों का जायज़ा लिया। इस हमले में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी, जिसमें दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक भी शामिल थे। अब तक की जानकारी के अनुसार, हमलावर सेना की वर्दी में आए थे और गोली चलाने से पहले पर्यटकों का धर्म पूछ रहे थे।
3डी मैपिंग से खंगाले जाएंगे आतंकी रास्ते
बुधवार को एनआईए की एक विशेष टीम हाईटेक उपकरणों के साथ बायसरन घाटी पहुंची। टीम घाटी की 3डी मैपिंग कर रही है ताकि आतंकियों के प्रवेश और निकास बिंदुओं की सटीक पहचान हो सके। सूत्रों के अनुसार, चश्मदीदों के बयानों के आधार पर यह मैपिंग की जा रही है जिससे यह जानना संभव हो पाएगा कि आतंकी घाटी में कहां से दाखिल हुए और किस रास्ते से फरार हुए।
सात घंटे तक चली जांच, सबूत जुटाने में जुटी टीमें
बुधवार को एनआईए की टीम ने करीब सात घंटे तक घाटी में जांच की। उनके साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की बम निरोधक दस्ता (BDS) और फोरेंसिक टीमें भी मौजूद थीं। इस दौरान घटनास्थल से सबूत इकट्ठा किए गए। एनआईए टीम ने बैसरन में काम करने वाले घोड़ेवालों और अन्य स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की। घाटी के तीन किलोमीटर के दायरे में सघन जांच अभियान चलाया गया है ताकि हमलावरों के ठहरने और निकलने के रास्तों की पुष्टि की जा सके।
सौ से अधिक लोगों से हुई पूछताछ
इस जांच के सिलसिले में एनआईए अब तक 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इनमें जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल का नाम भी सामने आया है, जिस पर आरोप है कि हमले के समय गोलीबारी की आवाज़ पर उसने “अल्लाह हू अकबर” कहकर पर्यटकों को आगे भेजा। एनआईए उसकी भूमिका की भी गहराई से जांच कर रही है।
कायराना हमला, जिम्मेदारी से पलटा टीआरएफ
इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पहले लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) ने ली थी। हालांकि बाद में टीआरएफ ने खुद को हमले से अलग बताते हुए कहा कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। हमले में 14 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हमला फरवरी 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसमें उस समय 47 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
एनआईए की जांच से उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही हमले के पीछे की पूरी साजिश और इसमें शामिल आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सकेगा। केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के स्तर पर हमलावरों को पकड़ने के लिए समन्वय के साथ कार्रवाई जारी है।