नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को एक भीषण आतंकी हमला हुआ। आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई है।
मौके पर पहुंचे सुरक्षाबल, इलाके की घेराबंदी
जैसे ही घटना की सूचना मिली, सुरक्षाबलों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया। पूरे पहलगाम इलाके को घेर लिया गया है और तलाशी अभियान जारी है। सुरक्षाबलों को शक है कि हमला लंबे समय से प्लान किया गया था।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने की स्थिति की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की और तत्काल प्रभाव से सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। इसके बाद अमित शाह ने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और तुरंत श्रीनगर रवाना हो गए।
राष्ट्रव्यापी निंदा और शोक
इस हमले की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राहुल गांधी, उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, देवेंद्र फडणवीस, सिद्धारमैया और अन्य प्रमुख नेताओं ने कड़ी निंदा की है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने इसे “घिनौना और अमानवीय” हमला बताते हुए कहा, “निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाना माफी के लायक नहीं।”
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “पूरा देश गुस्से में है। हमलावरों को उनके कृत्य की भारी कीमत चुकानी होगी।”
घायलों को मिल रही है चिकित्सा सहायता
घायल पर्यटकों को पहलगाम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा और तमिलनाडु के कई नागरिकों के घायल होने की पुष्टि हुई है। कई परिवार अब भी अपने परिजनों की तलाश में हैं।
मृतकों में शामिल है कर्नाटक के मंजूनाथ
सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक के शिवमोगा निवासी मंजूनाथ की इस हमले में मौत हुई है। उनका परिवार कश्मीर की यात्रा पर था। उनकी पत्नी और बच्चा सुरक्षित हैं।
पूरे देश में अलर्ट
इस हमले के बाद मुंबई पुलिस सहित कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
लोगों में गुस्सा, प्रदर्शन शुरू
पहलगाम सहित कश्मीर के कई इलाकों में स्थानीय लोगों ने इस आतंकी हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
यह आतंकी हमला न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में शांति और पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशों को चुनौती भी देता है। केंद्र सरकार ने हमलावरों को कड़ी सजा देने और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। पूरे देश की निगाहें अब जम्मू-कश्मीर में शांति की बहाली और आतंक के खिलाफ कड़े कदमों पर टिकी हैं।