ऑपरेशन सिंदूर: मसूद अजहर के 10 परिजन ढेर, जैश को बड़ा झटका

मसूद अजहर के 10 परिजन ढेर, जैश को बड़ा झटका
नई दिल्ली: भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ढांचों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस सैन्य कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष नेतृत्व को बड़ा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले में जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए हैं, जिनमें उसकी बड़ी बहन, बहनोई, भांजा-भांजी और परिवार के कई बच्चे शामिल हैं।
बहावलपुर में जैश के गढ़ पर हमला, मसूद अजहर टूटा
भारतीय सेना के सटीक हमले बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर किए गए। इन हमलों में मरकज़ सुभान अल्लाह को निशाना बनाया गया, जो जैश का मुख्यालय और प्रमुख आतंकी प्रशिक्षण केंद्र है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर ने अपने बयान में इस हमले में चार करीबी सहयोगियों, अपनी मां, और अन्य रिश्तेदारों की मौत की पुष्टि की है। बताया गया है कि मसूद अजहर सदमे में है और अपनों की मौत पर फूट-फूटकर रो पड़ा।
मरकज़ सुभान अल्लाह: जैश का संचालनात्मक केंद्र
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मरकज़ सुभान अल्लाह, कराची-तोरखाम हाईवे पर बहावलपुर के बाहरी इलाके में स्थित है।
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यह परिसर 15 एकड़ में फैला है और यहीं से जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी गतिविधियों का संचालन होता है।
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इसी स्थान पर 2019 के पुलवामा हमले की साजिश रची गई थी।
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रिपोर्ट के अनुसार, इस मरकज़ का निर्माण 2015 में पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI की मदद से हुआ था, और इसे अरब और अफ्रीकी देशों से भी फंडिंग मिली थी।
ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए अन्य आतंकवादी
इस ऑपरेशन में जैश का शीर्ष आतंकी कारी मोहम्मद इक़बाल, जो कोटली के आतंकी कैंपों का कमांडर था, मारा गया। साथ ही उसके साथ 10 अन्य आतंकी भी ढेर हुए।
एक और बड़ा नाम जो इस कार्रवाई में मारा गया वह था बिलाल आतंकी कैंप का प्रमुख याकूब मुगल।
शाम को दफनाया जाएगा मसूद का परिवार
रिपोर्ट्स के अनुसार, मसूद अजहर के मारे गए परिजनों को आज शाम 4 बजे बहावलपुर में दफनाया जाएगा। पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को सील कर दिया है। मसूद अजहर को अब किसी अज्ञात स्थान पर छिपा दिया गया है, ताकि भारत के आगे और जवाबी हमलों से उसकी सुरक्षा की जा सके।
भारत का सख्त संदेश
ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह सीमा पार छिपे आतंकवादियों को बख्शेगा नहीं। सेना की इस कार्रवाई को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे।