नई दिल्ली/इस्लामाबाद/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मात्र 72 घंटों के भीतर भारत ने अपने सबसे तेज और निर्णायक सैन्य प्रतिशोध को अंजाम दिया। “ऑपरेशन सिंदूर-भारत” नामक इस सैन्य कार्रवाई में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और सीमावर्ती इलाकों में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर 24 मिसाइलें दागीं। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय सहित कई आतंकी कैंप पूरी तरह तबाह कर दिए गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
कैसे हुआ ऑपरेशन सिंदूर-भारत?
इस ऑपरेशन को मंगलवार तड़के 3:40 बजे अंजाम दिया गया, जब भारतीय वायुसेना और विशेष बलों (Para SF) ने एक संयुक्त अभियान चलाया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार:
-
24 सटीक गाइडेड मिसाइलें पाकिस्तान अधिकृत आतंकवादी ठिकानों पर दागी गईं।
-
5 प्रमुख लॉन्च साइट्स से दागे गए मिसाइलों ने लश्कर और जैश के ठिकानों को निशाना बनाया।
-
ड्रोन सर्विलांस और सैटेलाइट इंटेलिजेंस के जरिए लक्ष्य तय किए गए।
जिन ठिकानों पर कार्रवाई हुई, उनमें शामिल हैं:
-
मुरिदके (लाहौर के पास) – लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय
-
बालाकोट के पास – जैश-ए-मोहम्मद का ट्रेनिंग कैंप
-
कोटली और मुजफ्फराबाद – आतंकियों की घुसपैठ यूनिट्स
-
नीलम वैली – हथियार भंडारण केंद्र
-
बाघ जिला (PoK) – लश्कर का रिक्रूटमेंट बेस
पहलगाम हमला और उसकी प्रतिक्रिया
4 मई 2025 को अमरनाथ यात्रा की तैयारी में जुटे श्रद्धालुओं पर हुए आतंकी हमले में 13 नागरिक मारे गए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के आतंकियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने इसे पाकिस्तान समर्थित “हाइब्रिड टेरर अटैक” करार दिया था।
हमले के बाद देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। सोशल मीडिया पर #PahalgamRevenge ट्रेंड करने लगा और केंद्र सरकार पर कड़ी कार्रवाई का दबाव बढ़ा।
ऑपरेशन को क्यों कहा गया ‘सिंदूर-भारत’?
भारतीय सेना के प्रवक्ता के अनुसार,
“हमारी बहनों और माताओं के सिंदूर पर जो हमला हुआ, उसका जवाब सिर्फ बंदूकों से नहीं, सम्मान और प्रतिशोध दोनों से देना था। इसीलिए इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर-भारत’ नाम दिया गया।”
इस नाम ने देशभर में भावनात्मक लहर पैदा कर दी है। लोगों ने इसे बलिदान का सम्मान और शौर्य का प्रतीक माना है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
-
संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है लेकिन भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को भी स्वीकार किया है।
-
अमेरिका और फ्रांस ने भारत की कार्रवाई को सटीक और आतंकवाद विरोधी कदम बताया है।
-
पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है लेकिन अभी तक सीमाओं पर कोई सैन्य हलचल नहीं देखी गई।
सरकार का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा –
“हमने आतंक का स्रोत ढूंढकर उसे जड़ से उखाड़ा है। भारत अब चुप नहीं बैठता, भारत अब जवाब देता है।”
गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन को “नई नीति के तहत निर्णायक कार्रवाई” करार दिया।
“ऑपरेशन सिंदूर-भारत” केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि देश की अस्मिता, महिलाओं के सम्मान और निर्दोषों की शहादत का प्रतिशोध है। यह संदेश है उन ताकतों को जो बार-बार भारत की सहनशीलता को कमजोरी समझते रहे हैं।