नोएडा (उत्तर प्रदेश): नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने सोमवार को दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया है, जिन पर एक बड़े मीडिया संस्थान से कथित रूप से 65 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देने का गंभीर आरोप है। गिरफ्तार किए गए पत्रकारों में एक न्यूज़ एंकर शाजिया निसार और दूसरे डिजिटल एंकर आदर्श झा शामिल हैं। दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
सेक्टर-62 स्थित एक निजी समाचार चैनल के प्रबंधन प्रमुख जगदीश चंद्रा ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। आरोप है कि शाजिया और आदर्श झा, चैनल के वरिष्ठ अधिकारियों को ब्लैकमेल कर रहे थे और रंगदारी की मांग कर रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें सेक्टर-58 थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया।
शाजिया निसार के घर से 34.50 लाख रुपये की बरामदगी
गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने शाजिया निसार के घर की तलाशी ली, जहां से उन्हें करीब 34.50 लाख रुपये नकद मिले। हालांकि इस नकदी के स्रोत और कानूनी स्थिति की जांच की जा रही है।
अदालत में पेशी और 14 दिन की हिरासत
पुलिस ने दोनों आरोपियों को सिविल जज (जूनियर डिवीजन-द्वितीय), गौतम बुद्ध नगर की अदालत में पेश किया। जहां न्यायाधीश जूही आनंद ने दोनों को 21 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक चौहान ने की।
कोर्ट में पेशी के दौरान शाजिया निसार ने हंगामा किया और पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाए।
तीन एफआईआर दर्ज, ब्लैकमेलिंग का सिंडिकेट उजागर?
इस पूरे मामले में अब तक तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं:
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पहली एफआईआर चैनल के एमडी और ग्रुप एडिटर द्वारा।
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दूसरी कंसल्टिंग एडिटर अनिता हाडा की ओर से।
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तीसरी एचआर हेड अनु श्रीधर की ओर से।
इन एफआईआर में शाजिया निसार, उसकी मां नसीम बानो और आदर्श झा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें ऑफिस में धमकियां देना, झूठे आरोप लगाकर उगाही करना और अनैतिक व्यवहार शामिल है।
पुलिस की चुप्पी और बढ़ते सवाल
नोएडा पुलिस इस पूरे मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रही है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के मुताबिक, यह एक बड़े ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट की कड़ी हो सकती है, जिसकी तह तक जाने के लिए जांच जारी है।
यह मामला सिर्फ एक मीडिया संस्थान की आंतरिक राजनीति नहीं, बल्कि पत्रकारिता की नैतिक सीमाओं और मीडिया में मौजूद आपराधिक प्रवृत्तियों को भी उजागर करता है। पुलिस और न्यायालय की अगली कार्रवाई इस केस को किस दिशा में मोड़ती है, इस पर सबकी नजर बनी हुई है।