NIA की जांच में बड़ा खुलासा! पहलगाम आतंकी हमले में स्थानीय दुकानदार पर शक

एनआईए पहलगाम हमले की जांच में जुटी, स्थानीय दुकानदार शक के घेरे में।

एनआईए पहलगाम हमले की जांच में जुटी, स्थानीय दुकानदार शक के घेरे में।

श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के लगभग दो सप्ताह बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच अब निर्णायक दिशा में आगे बढ़ रही है। जांच एजेंसी ने अब तक सैकड़ों लोगों से पूछताछ की है और हर उस सुराग को खंगाला जा रहा है, जो हमले से जुड़ा हो सकता है। इस बीच एक स्थानीय दुकानदार एनआईए के शक के घेरे में आ गया है, जिसने हमले से ठीक 15 दिन पहले दुकान खोली थी, लेकिन घटना वाले दिन दुकान नहीं खोली।

हमले वाले दिन गायब रहा दुकानदार, एनआईए को हुआ शक

सूत्रों के मुताबिक, एनआईए को जांच के दौरान पता चला कि संदिग्ध दुकानदार ने घटना से 15 दिन पहले नई दुकान खोली थी, लेकिन जिस दिन हमला हुआ, वह बिना किसी सूचना के दुकान खोलने नहीं आया। यह इत्तेफाक मात्र है या कोई पूर्व जानकारी, इसका पता लगाने के लिए उसकी इंटरनेट एक्टिविटी, कॉल डिटेल्स और अन्य तकनीकी सूचनाओं की गहन जांच की जा रही है।

100 से ज्यादा लोगों से हो चुकी पूछताछ, कई इनपुट मिले

अब तक इस मामले में 100 से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है। पूछताछ में टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग, फोटोग्राफर, एडवेंचर स्पोर्ट्स ऑपरेटर, और अन्य स्थानीय दुकानदार शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकियों ने कुछ स्थानीय लोगों से उनकी पहचान पूछी और उन्हें छोड़ दिया, जिससे शक गहराता जा रहा है कि हमलावरों को स्थानीय स्तर पर सहयोग मिल सकता है।

‘अल्लाहु अकबर’ बोलते दिखा युवक, एनआईए ने किया क्लियर

एनआईए ने पहले एक जिपलाइन ऑपरेटर से भी पूछताछ की थी जो हमले के दौरान “अल्लाहु अकबर” कहते हुए एक वीडियो में दिखाई दिया था। जांच में उसने बताया कि वह डर और घबराहट के कारण ऐसा बोल रहा था और फिर घटनास्थल से भाग गया। हालांकि सवाल उठ रहे हैं कि उसने पुलिस को जानकारी देने की बजाय अपने दोस्त को फोन क्यों किया।

पहलगाम हमला एक बड़ी साजिश का हिस्सा?

जांच एजेंसी यह भी पता लगा रही है कि क्या पहलगाम हमले में शामिल आतंकी 2023 के कुलगाम हमले या पुंछ में एयरफोर्स पर हुए हमले में भी सक्रिय थे। एनआईए को यह मामला सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा लग रहा है, जिसके पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी नेटवर्क हो सकता है।

एनआईए की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, स्थानीय सहयोग की आशंका और मजबूत हो रही है। आतंकियों को न केवल इलाके की जानकारी थी, बल्कि उन्होंने पर्यटकों की धार्मिक पहचान के आधार पर टारगेट किया था, जिससे साफ है कि यह एक सुनियोजित हमला था। आने वाले दिनों में एनआईए और गहन पूछताछ करेगी और संभव है कि जल्द ही बड़े खुलासे सामने आएं।

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