‘संभावित कृषि आतंकवाद हथियार’ के लिए दो चीनी नागरिकों को हिरासत में लिया गया

कृषि-आतंकवाद (Agro Terrorism) क्या है?

कृषि-आतंकवाद (Agro Terrorism) क्या है?

अमेरिका में दो चीनी नागरिकों को फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम नामक अत्यंत खतरनाक कृषि रोगजनक की अवैध तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने इस कवक को ‘संभावित कृषि-आतंकवाद हथियार’ करार दिया है, जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। अधिकारियों का मानना है कि इस जैविक एजेंट का उपयोग कृषि पर व्यवस्थित हमले के लिए किया जा सकता है, जिससे न केवल फसलों की पैदावार नष्ट होती है, बल्कि व्यापक आर्थिक अस्थिरता और खाद्य आपूर्ति संकट भी उत्पन्न हो सकता है।

कृषि-आतंकवाद (Agroterrorism) क्या है?

कृषि-आतंकवाद में जैविक रोगजनकों, कीटों या विषाक्त पदार्थों का जानबूझकर उपयोग करके किसी देश की कृषि पर हमला किया जाता है। इसका उद्देश्य खाद्यान्न की कमी, आर्थिक व्यवधान, खाद्य असुरक्षा और सार्वजनिक दहशत पैदा करना है। कृषि-आतंकवाद में किसी देश की कृषि पर हमला करने के लिए पौधों के रोगाणुओं, कीटों या विषाक्त पदार्थों जैसे जैविक कारकों का जानबूझकर उपयोग करना शामिल है।

फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम क्या है?

फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम एक खतरनाक कवक है जो गेहूं, जौ, मक्का और चावल जैसी फसलों में फ्यूजेरियम हेड ब्लाइट (FHB) नामक बीमारी का कारण बनता है। यह बीमारी फसलों की पैदावार को 30-70% तक कम कर सकती है और अनाज को विषाक्त बना सकती है, जिससे मानव और पशु स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

अमेरिका में गिरफ्तारी का मामला

एफबीआई के अनुसार, 34 वर्षीय चीनी शोधकर्ता जुनयॉन्ग लियू ने जुलाई 2024 में अपनी प्रेमिका युनकिंग जियान से मिलने के लिए अमेरिका यात्रा के दौरान फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम कवक लाया। जियान मिशिगन विश्वविद्यालय में शोधकर्ता हैं और उन्हें चीनी सरकार से फंडिंग मिली थी। जांच में यह सामने आया कि जियान के गैजेट्स में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति उनकी वफादारी के सबूत मिले।

समाधान एवं रोकथाम:

भारतीय एवं वैश्विक उदाहरण:

कृषि-आतंकवाद  पर वैश्विक सम्मेलन :

भारत के लिए खतरा

भारत की कृषि व्यवस्था भी कृषि-आतंकवाद के लिए संवेदनशील है, क्योंकि देश की जीडीपी का 17% और जनसंख्या का 55% कृषि पर निर्भर है। ऐसे में भारत को भी जैविक सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 17 % तथा जनसंख्या का 55% कृषि पर निर्भर है, कृषि-आतंकवाद के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है। कृषि-आतंकवाद उन देशों या समूहों के लिए एक शक्तिशाली हथियार बन जाता है जो किसी प्रतिद्वंद्वी राष्ट्र को अस्थिर  करना चाहते है।

फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम कवक की तस्करी का मामला कृषि-आतंकवाद के खतरे को उजागर करता है। यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैविक सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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