नई दिल्ली – मेडिकल पीजी प्रवेश परीक्षा NEET PG 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) को निर्देश दिए हैं कि आगामी परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए। इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू नहीं की जाएगी।
कोर्ट का आदेश: सभी अभ्यर्थियों के लिए समान शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने से सभी छात्रों के लिए समान परिस्थितियों में मूल्यांकन संभव होगा। कोर्ट के मुताबिक, कई शिफ्टों में परीक्षा कराने पर कठिनाई के स्तर में अंतर हो सकता है, जिससे छात्र प्रदर्शन में असमानता आती है।
क्या होता है नॉर्मलाइजेशन और इसका क्या असर होता?
अब तक जब NEET PG एक से अधिक शिफ्ट में होता था, तो नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के जरिए स्कोर का समायोजन किया जाता था ताकि सभी शिफ्टों के कठिनाई स्तर का असर अंक पर न पड़े। लेकिन अब परीक्षा एक ही समय पर होगी, इसलिए नॉर्मलाइजेशन की जरूरत नहीं रहेगी, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिलेगा।
परीक्षा पैटर्न में संभावित बदलाव
NEET PG 2025 की तारीख अभी अधिकारिक रूप से घोषित नहीं की गई है, लेकिन इस फैसले के बाद अब यह तय हो गया है कि परीक्षा एक सत्र में देशभर में आयोजित की जाएगी। इससे परीक्षा संचालन और मूल्यांकन में भी आसानी होगी।
छात्रों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
छात्रों और कोचिंग संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे प्रतिस्पर्धा समान स्तर पर होगी और छात्रों को किसी अतिरिक्त गणनात्मक समायोजन से गुजरना नहीं पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद NEET PG 2025 की परीक्षा अब अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और एकरूप मानी जा सकती है। अब सभी की नजरें NBE की आधिकारिक अधिसूचना और परीक्षा तिथि पर टिकी हैं।