NDA Bihar Bandh 2025: पीएम मोदी की मां के अपमान के विरोध में बंद, हाईवे जाम

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NDA Bihar Bandh 2025

NDA Bihar Bandh 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के कथित अपमान के विरोध में एनडीए घटक दलों द्वारा बुलाए गए “बिहार बंद” का राज्य के कई हिस्सों में मिलाजुला असर देखा गया। भाजपा, जदयू और अन्य सहयोगी दलों के कार्यकर्ता गुरुवार सुबह से ही सड़कों पर उतर आए, जिससे राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

बंद की मुख्य वजह: प्रधानमंत्री की मां के प्रति कथित अपमान

बंद का मुख्य कारण एक विपक्षी दल के नेता द्वारा पीएम मोदी की मां को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी बताया जा रहा है। एनडीए ने इसे भारतीय संस्कृति और मां-बेटे के रिश्ते का सीधा अपमान मानते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी और पूरे राज्य में शांतिपूर्ण विरोध और चक्का जाम का आह्वान किया।

किस तरह हुआ बंद का असर?

हाईवे और परिवहन पर प्रभाव:

  • एनएच-31, एनएच-28 और एनएच-57 जैसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवागमन ठप रहा।

  • लंबी दूरी की बसें और ट्रक नहीं चल पाए, जिससे यात्रियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

  • कई जगहों पर बांस-बल्लों और टायरों से सड़कें जाम की गईं।

शहरी क्षेत्रों में हल्का असर:

  • बंद का असर शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों और हाईवे पर ज्यादा दिखा।

  • पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, और गया जैसे शहरों में व्यापारिक गतिविधियां आंशिक रूप से प्रभावित रहीं।

  • कई दुकानों और बाजारों ने आंशिक रूप से शटर डाउन रखा।

नारेबाजी और प्रदर्शन:

  • भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं ने शहर के प्रमुख चौराहों, जैसे डाकबंगला चौक (पटना), लोहिया चौक (दरभंगा), और कल्याणी चौक (मुजफ्फरपुर) पर विरोध-प्रदर्शन किया।

  • “पीएम का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान”, “मां का अपमान नहीं सहेगा बिहार” जैसे नारे गूंजे।

पुलिस और प्रशासन की तैयारी

  • स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त फोर्स तैनात की।

  • कई जिलों में धारा 144 लागू की गई थी ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।

  • अब तक कोई बड़ी हिंसक घटना की सूचना नहीं है, बंद कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

भाजपा का बयान:

भाजपा के प्रवक्ता ने कहा:

“हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं लेकिन निजी स्तर पर इस तरह की निम्न टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह सिर्फ पीएम मोदी का नहीं, पूरे देश की मांओं का अपमान है।”

विपक्ष का जवाब:

विपक्षी दलों ने बंद को राजनीतिक ड्रामा बताया और कहा कि यह असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।

जनता की प्रतिक्रिया

  • आम नागरिकों ने बंद के कारण यात्रा, स्कूल, ऑफिस और मेडिकल इमरजेंसी में भारी असुविधा की शिकायत की।

  • कई इलाकों में ऑटो-रिक्शा और ई-रिक्शा चालकों ने काम बंद कर दिया।

  • सोशल मीडिया पर बंद को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली—कुछ ने समर्थन किया तो कुछ ने आलोचना।

“NDA बिहार बंद” ने एक बार फिर दिखाया कि राजनीतिक मुद्दे आम जनता की दिनचर्या को किस तरह प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि बंद largely शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इससे यह भी साफ हुआ कि राजनीति में व्यक्तिगत टिप्पणियों का स्तर गिरना न सिर्फ नेताओं के लिए बल्कि लोकतंत्र के लिए भी चिंता का विषय है।

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