लोथल में बनेगा राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर – भारत की समुद्री ताकत का भव्य प्रदर्शन

भारत की समुद्री शक्ति को मिलेगा नया रूप!

भारत की समुद्री शक्ति को मिलेगा नया रूप!

राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर

भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को संरक्षित और प्रदर्शित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (National Maritime Heritage Complex – NMHC) की स्थापना को मंजूरी दी है। यह परियोजना भारत के समुद्री इतिहास को विश्व पटल पर उजागर करने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है।

क्या है राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC)?

राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) भारत की प्राचीन से आधुनिक समुद्री यात्रा और जलमार्गों की कहानी को चित्रित करेगा। यह परिसर गुजरात के लोथल में लगभग 400 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा है। इसे सागरमाला परियोजना के अंतर्गत केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा, गुजरात सरकार के सहयोग से तैयार किया जा रहा है।

इसका उद्देश्य केवल एक संग्रहालय नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल, शैक्षणिक केंद्र, और समुद्री अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित करना है।

लोथल का ऐतिहासिक महत्व:

परियोजना के उद्देश्य:

समुद्री नवाचार और विरासत:

विकास एवं वित्तपोषण:

यूनेस्को मान्यता:

अन्य प्रमुख अवशेष (लोथल में प्राप्त):

गुजरात में अन्य प्रमुख हड़प्पा स्थल:

राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) भारत की प्राचीन समुद्री गरिमा का प्रतीक है, जो न केवल देश की ऐतिहासिक उपलब्धियों को सहेजेगा, बल्कि भावी पीढ़ियों को प्रेरणा भी देगा। यह परियोजना भारत को वैश्विक समुद्री मानचित्र पर गौरवपूर्ण स्थान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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