मुन्नार बनेगा जिम्मेदार वैश्विक पर्यटन स्थल – जानें इसकी खासियतें

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राज्य सरकार के एक वक्तव्य के अनुसार दिसंबर तक मुन्नार एक वैश्विक जिम्मेदार पर्यटन स्थल बन जाएगा।

राज्य सरकार के एक वक्तव्य के अनुसार दिसंबर तक मुन्नार एक वैश्विक जिम्मेदार पर्यटन स्थल बन जाएगा।

केरल सरकार की नई योजना के तहत मुन्नार को दिसंबर 2025 तक एक ग्लोबल रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राकृतिक सौंदर्य, जैव विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि से भरपूर मुन्नार का यह बदलाव न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय समुदाय को भी सशक्त बनाएगा।

मुन्नार के बारे में

मुन्नार इडुक्की जिले (केरल) में स्थित एक हिल स्टेशन है, जो तीन नदियों मुथिरापुझा, नल्लथात्री और कुंडला नदियों के संगम पर बसा एक खूबसूरत नजारा है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, चाय बागानों और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है।

मुन्नार चाय, मसालों के बागानों के साथ-साथ हस्तनिर्मित उत्पादों के लिए भी प्रसिद्ध है।

यह पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला में समुद्र तल से लगभग 1,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, तथा चारों तरफ से अन्नामलाई पहाड़ियों और इलायची पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

मुन्नार में केरल और तमिलनाडु की मिलती-जुलती संस्कृति की झलक दिखाई देती है।

मुख्य विशेषताएँ

प्राकृतिक सौंदर्य: यह अपनी हरी-भरी घाटियों, लुढ़कती पहाड़ियाँ, चाय के बागानों, झरनों और धुंध से ढकी हुई पहाड़ियों के लिए एक बेहद खुबसुरत, अद्वितीय और अविश्वसनीय स्थल है।

सांस्कृतिक इतिहास: प्रारंभिक रूप से मुन्नार के मूल निवासी मुथुवन आदिवासी समुदाय और यूरोपीय बागान मालिकों का आगमन सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है।

चाय की विरासत: प्राकृतिक सुंदरता और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के अलावा यह स्थान एक और चीज के लिए काफी प्रसिद्ध है वो है चाय के बागान, इसकी शुरुआत 19वीं सदी के अंत में ए.एच शार्प के नेतृत्व में चाय की खेती के रूप में हुई। चाय के बड़े-बड़े बागानों के साथ यहां की वादियां हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।

जैव विविधता: यहां पर नीलकुरिंजी (स्ट्रोबिलांथेस कुंथियानाफूल) प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार खिलने वाला दुर्लभ फूल है ये अधिक मात्रा में खिलने के लिए प्रसिद्ध है तथा ये फूल पहाड़ी के मैदानों को बैंगनी-नीला रंग प्रदान करते है जिस कारण इन्हें नीलकुरिंजी (ब्लू स्ट्रोबिलांथेस) फूल के नाम से भी जाना जाता है।

पर्यटन: मुन्नार वन्यजीवों से समृद्ध होने के साथ-साथ इस पर्यटन स्थल भी है जैसे कि एक मुख्य आकर्षण इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान जो विलुप्तप्राय जंतु नीलगिरि तहर तथा दुर्लभ तितलियों और पक्षियों की अनेक प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही अनाईमुडी चोटी जो  राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित है, यह दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटी है जो 2700 मीटर ऊंची है।

लोकप्रिय उत्सव: मुन्नार के उत्सवों में से सबसे प्रमुख है अट्टुकल पोंगल जो बहुत ही धूमधाम से फरवरी और मार्च के महीने में मनाया जाता है इस पर्व में महिलाएं एकत्रित होकर अट्टुकल देवी की पूजा करती है। तथा ओणम दूसरा ऐसा उत्सव है जो मुन्नार में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, यह उत्सव दस दिनों तक चलता है जिसमें लोग पूजा, यज्ञ के साथ-साथ नौका दौड़ का आयोजन भी करते है।

महत्व

हिल स्टेशन खूबसूरत और मनमोहक होने के कारण आकर्षक का केंद्र भी होते है। इसलिए इन स्थानों का पर्यटन के लिए विशेष महत्व है।

पर्यटन से प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भी मदद मिलती है।

देश के किसी भी स्थल पर जब पर्यटक भ्रमण करने आते है तो केंद्र सरकार भी उन स्थानों और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास करती है।

मुन्नार वन्यजीव, राष्ट्रीय उद्यान तथा पर्यावरण- पुनर्स्थापना परियोजनाएँ एवं पर्यावरण और जैवविविधता के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

मुन्नार एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है इसका उद्देश्य केवल रोजगार उत्पन्न करना नहीं, बल्कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देना है। इससे अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा मिलता है तथा इसके साथ ही पर्यटन प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

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