मोरिंगा से बदलेगी किसानों की किस्मत: तमिलनाडु के खेतों से निकलेगा ‘हरित सोना’

तमिलनाडु के मोरिंगा किसान — जिनके खेत 'हरित सोने' की खदान बन चुके हैं"

तमिलनाडु के मोरिंगा किसान — जिनके खेत 'हरित सोने' की खदान बन चुके हैं"

मोरिंगा : जब हम खेती की बात करते हैं, तो अक्सर चावल, गेहूं या गन्ने की बात करते हैं। लेकिन तमिलनाडु के कुछ किसान एक ऐसे पौधे की खेती कर रहे हैं, जो न केवल उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध बना रहा है, बल्कि दुनिया भर में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। मोरिंगा ओलीफेरा (सहजन) — जिसे आयुर्वेद में चमत्कारी वृक्ष कहा जाता है — अफ्रीका से लेकर अमेरिका तक, हर कोई इसके औषधीय और पोषण संबंधी लाभों को जान रहा है। मोरिंगा ओलीफेरा की एक किस्म PKM1 ने वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाला है, खासकर अफ्रीकी महाद्वीप के सेनेगल, रवांडा और मेडागास्कर जैसे देशों में।

मोरिंगा (मोरिंगा ओलीफेरा) के बारे में :

मोरिंगा ओलीफेरा, जिसे मोरिंगा, ड्रमस्टिक ट्री, हॉर्सरैडिश ट्री, सहजन, सेंजन, मुनगा तथा इसे ‘जीवन का वृक्ष’ या ‘चमत्कारी वृक्ष’ के नाम से भी जाना जाता है, और इसे एक बहुउपयोगी तथा महत्वपूर्ण हर्बल पौधे के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये तेजी से बढ़ने वाला, सूखा- प्रतिरोधी पौधा है, जिसका प्रयोग भोजन, दवा और विभिन्न औषधिक उद्योगों के उद्देश्य के लिए किया जाता है, मोरिंगा की पत्तियों, फलियों और बीजों में पोषक तत्वों और औषधीय गुणों का एक समृद्ध स्रोत है।

उत्पत्ति एवं वितरण:

कृषि संबंधी जलवायु परिस्थितियाँ:

औषधीय और स्वास्थ्य उपयोग:

मोरिंगा के लाभ:

यह एक बहुउपयोगी वृक्ष है। जिसका वैश्विक स्तर पर, मोरिंगा उत्पादों जैसे कि मोरिंगा पत्ती पाउडर और मोरिंगा तेल, पोषण पूरक के रूप में ,मोरिंगा और खाद्य सुदृढ़ीकरण की मांग में अच्छी वृद्धि देखी जा सकती है।

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