Milky Way Discovery: वैज्ञानिकों ने खोजी दुर्लभ चतुर्भुज तारा प्रणाली, क्यों है खास?

Milky Way Discovery: वैज्ञानिकों ने मिल्की वे आकाशगंगा में एक दुर्लभ चतुर्भुज तारा प्रणाली की खोज की है। इस खोज से न सिर्फ तारों और ग्रहों के बनने की प्रक्रिया को बेहतर समझने का मौका मिलेगा, बल्कि यह ब्रह्मांडीय संरचनाओं पर भी नई रोशनी डालती है। यह क्यों महत्वपूर्ण है? आइए जानते हैं…
ब्राउन ड्वार्फ क्या है?
- ऐसे खगोलीय पिंड जो तारे और ग्रहों के बीच की श्रेणी में आते हैं।
- यह गैस और हीलियम से बने होते है, जिनमें सिलिकेट कणों से बने गर्म बादल हो सकते है।
- इनका निर्माण तारों की तरह ही गैस और धूल के बादल से होता है, जो संकुचित होकर बनते है। लेकिन इनमें हाइड्रोजन संलयन के लिए पर्याप्त द्रव्यमान नहीं होता।
- इन्हें अक्सर “विफल तारे” कहा जाता है, क्योंकि वे तारों से हल्के होते है तथा गैसीय विशाल ग्रहों से भारी होते है।
- ये बृहस्पति से 70 गुना अधिक विशाल हो सकते है।
- वायुमंडल गैस दानव ग्रहों (जैसे बृहस्पति और शनि) के समान दिखता है।
विशेषताएँ एवं महत्व
- ब्राउन ड्वार्फ अपने हल्के तत्वों (हाइड्रोजन और हीलियम) को ग्रहों की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से धारण करते है तथा उनमें धातु की मात्रा भी अपेक्षाकृत कम होती है।
- ये ब्रह्मांड में द्रव्यमान वितरण का मानचित्रण करने में मदद करते है तथा तारों और ग्रहों के निर्माण में अंतर्दृष्टि प्रदान करते है।
- इनका तापमान अपेक्षाकृत कम होता है और ये बहुत कम चमकते है क्योंकि ये अवरक्त विकिरण उत्सर्जित करते है, जिससे इसका पता लगाना और भी कठिन होता है।
- ब्राउन ड्वार्फ किसी ग्रह की तरह नहीं, बल्कि किसी तारे की तरह पदार्थ एकत्रित करते है।
- ये ड्यूटेरियम (हाइड्रोजन का एक भारी रूप) को जलाने में सक्षम है, लेकिन तारों की तरह नियमित हाइड्रोजन संलयन को बनाए रखने के लिए उनमें द्रव्यमान का अभाव है।
- इनका अध्ययन तारकीय विकास और आकाशगंगा की संरचनाओं को समझने में सहायक होता है।
- रेड ड्वार्फ सबसे छोटा और सबसे ठंडा तारा है, जो आकाशगंगा में 60-70% तारो का निर्माण करता है। इसका रेड कलर कम तापमान को दर्शाता है।
- तारे और ब्राउन ड्वार्फ दोनों ही अपने पहले कुछ मिलियन वर्षों में ड्यूटेरियम (हाइड्रोजन का एक दुर्लभ समस्थानिक) के संलयन द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करता है।
ब्राउन ड्वार्फ अंतरिक्ष विज्ञान और खगोलीय का एक महत्वपूर्ण विषय है, जो तारों के निर्माण और उनके विकास को समझने में मदद करता है। इसके साथ ही ये डार्क मैटर के स्रोत भी होते है। इसमें नाभिकीय संलयन शुरू करने के लिए पर्याप्त द्रव्यमान नहीं होता है, हालांकि यह ड्यूडेरियम और लिथियम जैसे भारी तत्वों का संलयन कर सकता है।