कोमल कुमारी: ड्यूटी पर शहीद बिहार पुलिस की महिला कांस्टेबल की कहानी

कोमल कुमारी: ड्यूटी पर शहीद बिहार पुलिस की महिला कांस्टेबल की कहानी

कोमल कुमारी: ड्यूटी पर शहीद बिहार पुलिस की महिला कांस्टेबल की कहानी

पटना, बिहार – अटल पथ पर बुधवार देर रात एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने पुलिस विभाग को गहरे सदमे में डाल दिया। वाहन चेकिंग के दौरान एक दर्दनाक सड़क हादसे में बिहार पुलिस की महिला कांस्टेबल कोमल कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हैं। यह हादसा सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि एक परिवार की उम्मीदों और एक महिला के साहसिक सपनों का अंत है।

हादसे का पूरा घटनाक्रम

घटना उस समय घटी जब कोमल अपने दो सहयोगियों – एसके पुरी थाने के सब-इंस्पेक्टर दीपक मणि और एएसआई अवधेश कुमार – के साथ अटल पथ पर वाहनों की चेकिंग कर रही थीं। इसी दौरान एक बेकाबू स्कॉर्पियो ने तीनों पुलिसकर्मियों को कुचल दिया। कोमल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दो अधिकारी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

परिवार की इकलौती उम्मीद थी कोमल

नालंदा जिले की निवासी कोमल कुमारी चार साल पहले ही बिहार पुलिस में भर्ती हुई थीं। पिता पंजाब में मजदूरी करते हैं और मां के साथ घर पर कोमल की चार छोटी बहनें रहती हैं। कोमल ही पूरे परिवार की आर्थिक रीढ़ थीं।

मां रंजू देवी ने नम आंखों से बताया कि, “कोमल चार दिनों से छुट्टी मांग रही थी ताकि घर आकर कुछ वक्त परिवार के साथ बिता सके, लेकिन ड्यूटी ने उसे रोक लिया। अफसोस, यही ड्यूटी उसकी अंतिम साबित हुई।”

हादसे के बाद की कार्रवाई

पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मौके से स्कॉर्पियो में सवार दो लोगों को हिरासत में ले लिया। वहीं, फरार चालक निखिल राज को भी छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की गहन जांच की जा रही है।

सियासी बयानबाज़ी भी तेज

इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने इसे कानून व्यवस्था की विफलता बताते हुए कहा, “जब राजधानी पटना में वर्दीधारी भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता का क्या होगा?”

एक नाम नहीं, एक प्रेरणा बनी कोमल

कोमल कुमारी अब सिर्फ एक नाम नहीं रह गईं, वे कर्तव्य के लिए बलिदान देने वाली उन बहादुर महिलाओं में शामिल हो गई हैं, जिनका जीवन समाज को सुरक्षा देने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के संकल्प का प्रतीक है।

उनकी यह बलिदान उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो वर्दी पहनते हैं और निस्वार्थ भाव से अपनी ड्यूटी निभाते हैं।

Exit mobile version