ज्योति मल्होत्रा विवाद: जगन्नाथ और महाकालेश्वर मंदिर यात्राओं पर जांच, पाक जासूसी केस में NIA की पूछताछ तेज़

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर जासूसी का आरोप, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवाल
नई दिल्ली/पुरी/उज्जैन: हरियाणा की यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा एक हाई-प्रोफाइल सुरक्षा मामले में फंसती नजर आ रही हैं। पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर जैसे देश के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों की उनकी यात्राएं अब जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। उन पर पाकिस्तानी एजेंट के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने और ड्रोन उड़ाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
क्या है मामला?
ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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उन पर Official Secrets Act, 1923 की धारा 3 और 5 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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जांच के दौरान सामने आया कि उन्होंने पुरी में जगन्नाथ मंदिर परिसर के ऊपर ड्रोन उड़ाया था, जो प्रतिबंधित क्षेत्र में UAV उड़ाने के नियमों का उल्लंघन है।
धार्मिक स्थलों पर जांच की आंच
पुरी (ओडिशा):
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पुरी पुलिस का कहना है कि 2024 की यात्रा के दौरान मल्होत्रा ने जगन्नाथ मंदिर परिसर के ऊपर से ड्रोन फुटेज रिकॉर्ड किया।
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यह सुरक्षा उल्लंघन है, क्योंकि मंदिर क्षेत्र में ड्रोन उड़ाना सख्त प्रतिबंधित है।
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पुलिस अब वीडियो और अन्य डिजिटल फुटेज की जांच कर रही है।
उज्जैन (मध्य प्रदेश):
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उज्जैन पुलिस की टीम हरियाणा पहुंची और मल्होत्रा से पूछताछ की।
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एएसपी नितेश भार्गव के मुताबिक, “अब तक उनकी उज्जैन यात्रा में कोई आपत्तिजनक गतिविधि नहीं पाई गई है। लेकिन महाकालेश्वर मंदिर एक संवेदनशील धार्मिक स्थल है, इसलिए पूछताछ एहतियात के तौर पर की गई।”
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उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी था क्योंकि यहां विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में आते हैं।
पाकिस्तानी कनेक्शन की गूंज
जांच में खुलासा हुआ है कि:
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ज्योति मल्होत्रा नवंबर 2023 से मार्च 2025 तक पाकिस्तानी उच्चायोग से निष्कासित एक अधिकारी दानिश के संपर्क में थीं।
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दोनों के बीच व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए संपर्क हुआ था।
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दानिश से मुलाकात उस समय हुई जब मल्होत्रा पाकिस्तान वीजा के लिए आवेदन कर रही थीं।
और यूट्यूबर्स भी जांच के घेरे में
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ओडिशा की ट्रैवल ब्लॉगर प्रियंका सेनापति से भी पूछताछ की गई है, जिन्होंने पुरी यात्रा के दौरान मल्होत्रा को घुमाया था।
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अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स से भी पाकिस्तान से जुड़ाव के एंगल पर जांच की जा रही है।
ज्योति मल्होत्रा का मामला सिर्फ व्यक्तिगत गतिविधियों तक सीमित नहीं है, यह भारत की धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, साइबर निगरानी और विदेशी संपर्कों की पारदर्शिता जैसे बड़े सवाल खड़े करता है। जब धार्मिक आस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला हो, तो कानून एजेंसियों की सक्रियता स्वाभाविक है।
अभी तक उज्जैन में कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, लेकिन पुरी में ड्रोन उड़ाने की घटना ने मामले को गंभीर बना दिया है।