राजस्थान के किसानों की मदद करने के लिए नया जल संचयन मॉडल

राजस्थान में जलवायु-अनुकूल कृषि तालाब: किसानों के लिए नई जल संचयन रणनीति

राजस्थान में जलवायु-अनुकूल कृषि तालाब: किसानों के लिए नई जल संचयन रणनीति

राजस्थान : जयपुर के आमेर ब्लॉक के कुकस गांव में मानसून के दौरान 10 करोड़ लीटर वर्षा जल को संचित करने की क्षमता वाले तालाब विकसित करने के लिए चुना गया, जिसमें राजस्थान का दूसरा स्थान है। यह मॉडल सूखा-प्रवण क्षेत्रों में खेती को सुरक्षित करने, भूजल स्तर बढ़ाने और किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल जल शक्ति अभियान, अटल भूजल योजना और सतत कृषि मिशन जैसे सरकारी कार्यक्रमों का समर्थन करते हुए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मदद करेगी।

जलवायु-अनुकूल कृषि तालाब क्या है ?

पहल का महत्व:

अन्य भारतीय प्रतिबद्धताओं में सहायता एवं योजनाएं::

जलवायु-अनुकूल कृषि तालाब जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करने और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए एक प्रभावी रणनीति है। भारत, में जलवायु-अनुकूल कृषि तालाबों को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे है, इसके अलावा कई गैर-सरकारी संगठन और निजी कंपनियां भी जलवायु-अनुकूल कृषि तालाबों को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल है। इस तकनीकी का प्रयोग करके, किसान न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में भी योगदान कर सकते हैं।

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