IRCTC टिकट बुकिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा, 2.5 करोड़ ID बंद

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IRCTC टिकट बुकिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा, 2.5 करोड़ ID बंद

IRCTC ने टिकट घोटाले में की बड़ी कार्रवाई, 2.5 करोड़ फर्जी ID बंद

नई दिल्ली: अगर आप भी अक्सर रेल टिकट बुक करते वक्त यह सोचते हैं कि IRCTC की बुकिंग विंडो खुलते ही सारे टिकट कैसे फुल हो जाते हैं, तो अब आपके सवाल का जवाब मिल गया है। दरअसल, रेलवे में टिकट बुकिंग को लेकर एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, जिसने आम यात्रियों के भरोसे को झकझोर कर रख दिया है।

रेलवे और IRCTC की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि एक साइबर रैकेट वर्षों से फर्जी आईडी के जरिए टिकट बुक कर रहा था और उन्हें महंगे दामों पर यात्रियों को बेच रहा था। यह रैकेट PNR नंबर बुकिंग के खेल में माहिर था, और टिकट विंडो खुलने से महज 5 मिनट पहले ही लाखों टिकट बुक कर लिया करता था।

2.9 लाख पीएनआर की बुकिंग पर शक, टिकट खुलने से पहले ही हो जाती थी बुकिंग

IRCTC द्वारा हाल ही में पेश किए गए डाटा के अनुसार, पिछले 5 महीनों में 2.9 लाख पीएनआर ऐसे सामने आए जो सामान्य और तत्काल बुकिंग विंडो खुलने से पहले ही बुक हो चुके थे। ये सभी बुकिंग फर्जी और संदिग्ध आईडी से की गई थीं।

इन पीएनआर के ज़रिए एजेंटों द्वारा मोटे मुनाफे पर टिकट बेचे जा रहे थे। आम आदमी को कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा था, वहीं यह गैंग हर ट्रेन में दर्जनों टिकट पहले ही कब्जे में ले चुका होता।

2.5 करोड़ फर्जी आईडी बंद, रेलवे की बड़ी कार्रवाई

रेल मंत्रालय ने इस पूरे रैकेट पर लगाम कसते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। जनवरी 2025 से मई 2025 के बीच, रेलवे ने 2.5 करोड़ से अधिक फर्जी यूजर आईडी को निष्क्रिय कर दिया है। इनमें से 20 लाख यूजर आईडी को दोबारा सत्यापन के लिए रखा गया है ताकि किसी निर्दोष यात्री की आईडी गलती से डिएक्टिवेट न हो।

रेलवे द्वारा ANTI-BOT एप्लिकेशन लागू करने के बाद बुकिंग सिस्टम को बॉट्स (स्वचालित स्क्रिप्ट्स) से सुरक्षित बनाया गया है। इससे अब इंसानी हस्तक्षेप के बिना टिकट बुक करना लगभग असंभव हो गया है।

साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज हुईं 134 शिकायतें, हजारों ईमेल डोमेन ब्लॉक

रेलवे ने इस अभियान के तहत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर 134 से अधिक शिकायतें दर्ज की हैं। साथ ही 6,800 से अधिक फर्जी या डिस्पोजेबल ईमेल डोमेन्स को ब्लॉक कर दिया गया है।

डिस्पोजेबल ईमेल आईडी वे होती हैं जो कुछ समय के लिए बनती हैं और इनका इस्तेमाल बार-बार नई फर्जी आईडी बनाने में किया जाता था। इन्हीं के ज़रिए टिकट बुकिंग सिस्टम को धोखा दिया जा रहा था।

टिकट दलालों का अंत, यात्रियों को मिलेगी राहत

रेलवे का यह कदम टिकट माफिया और दलालों पर बड़ी चोट है। यह अभियान आने वाले समय में और तेज किया जाएगा, जिससे हर यात्री को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से टिकट मिल सके।

रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत प्लेटफॉर्म से ही टिकट बुक करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत रेलवे या साइबर पोर्टल पर दें।

रेलवे का यह कदम तकनीकी और नैतिक दोनों ही दृष्टिकोण से बेहद जरूरी था। अब जबकि फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है, यात्री भी सतर्क रहें और जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं। यह देश की सबसे बड़ी यात्री परिवहन सेवा को साफ-सुथरा और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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