India-Pakistan Tension: भारतीय सेना को मिली इग्ला-एस मिसाइल, सीमा पर पाकिस्तान में खौफ

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भारतीय सेना को मिली इग्ला-एस मिसाइल की पहली खेप, सीमा सुरक्षा को मिलेगा नया बल

भारतीय सेना को मिली इग्ला-एस मिसाइल की पहली खेप, सीमा सुरक्षा को मिलेगा नया बल

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सीमा तनाव के बीच भारतीय सेना की सैन्य क्षमताएं और मजबूत हो गई हैं। भारतीय सेना को रूस से आयातित इग्ला-एस (Igla-S) मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पहली खेप प्राप्त हो चुकी है। यह हथियार सिस्टम पाकिस्तान की किसी भी संभावित हवाई हमले की कोशिश को 6 किलोमीटर की दूरी से ही ध्वस्त करने में सक्षम है।

सीमा पर गोलाबारी और पाकिस्तान की बेचैनी

हाल के दिनों में पाकिस्तान की ओर से लगातार सीमा पर गोलीबारी की जा रही है, जिससे स्पष्ट है कि वहां डर का माहौल है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य पाकिस्तानी नेताओं ने भारत के संभावित जवाबी हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। एक ओर जहां पाकिस्तान शांति की अपील कर रहा है, वहीं भारत ने सीमा पर अपनी सैन्य तैयारियां और तेज कर दी हैं।

भारतीय सेना को मिली इग्ला-एस मिसाइलों की पहली खेप

रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना को कुछ हफ्ते पहले इग्ला-एस मिसाइल सिस्टम की पहली खेप प्राप्त हुई है। यह मिसाइल सिस्टम भारतीय सैनिकों को कंधे पर रखकर लॉन्च करने की सुविधा देता है, जिससे वे किसी भी आने वाले दुश्मन के फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर या ड्रोन को टारगेट कर सकते हैं। यह प्रणाली इन्फ्रारेड सेंसर से लैस है और कम ऊंचाई पर उड़ रहे लक्ष्यों को सटीकता से भेद सकती है।

260 करोड़ रुपये की डील, फास्ट ट्रैक प्रक्रिया से की गई खरीद

रूसी मूल के इस एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद लगभग ₹260 करोड़ रुपये की लागत से की गई है। भारतीय सेना ने फास्ट ट्रैक खरीद प्रक्रिया के तहत यह सौदा किया है। यूरोपीय देशों ने भी इस डील के लिए प्रस्ताव दिए थे, लेकिन भारतीय वायु सेना और सेना ने रूसी तकनीक को अधिक उपयुक्त मानते हुए इग्ला-एस को चुना।

भविष्य के लिए भी तैयारियां, नए लॉन्चर और मिसाइलों की खरीद प्रक्रिया जारी

रक्षा मंत्रालय ने इग्ला-एस की ताजा खेप के साथ-साथ 48 नए लॉन्चर और 90 VSHORADS (Very Short Range Air Defence System) मिसाइलों की खरीद के लिए भी टेंडर जारी कर दिए हैं। इसके अलावा सेना लेजर बीम-राइडिंग तकनीक से लैस VSHORADS के एडवांस वर्जन की खरीद पर भी विचार कर रही है।

भारत की स्वदेशी मिसाइल परियोजना और रूस से सहयोग

बता दें कि भारत ने 2009 में डीआरडीओ के सहयोग से अपने स्वदेशी मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन समय पर इसकी उपलब्धता न होने के कारण यह फैसला लिया गया कि तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से इग्ला-एस मिसाइलें खरीदी जाएं।

भारत-पाक तनाव के बीच भारतीय सेना की यह मिसाइल प्रणाली रक्षा क्षमताओं को नया आयाम देती है। जहां पाकिस्तान डर और दबाव में शांति की बात कर रहा है, वहीं भारत बिना किसी बयानबाजी के जमीनी स्तर पर अपनी तैयारी पूरी कर रहा है। आने वाले दिनों में यह हथियार प्रणाली देश की सीमाओं की रक्षा में एक अहम भूमिका निभा सकती है।

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