नई दिल्ली: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जिसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर बड़ा पलटवार किया। भारत की जवाबी कार्रवाई में कई आतंकी मारे गए, जिससे पाकिस्तान बौखला गया और उसने जवाबी हमले शुरू कर दिए। हालांकि, भारतीय सेना अब तक पाकिस्तानी हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर रही है।
पाकिस्तान की बौखलाहट और भारत की सख्त प्रतिक्रिया
भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने एस-400 वायु रक्षा प्रणाली और अन्य हथियार प्रणालियों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे। भारत ने अपने रुख में स्पष्ट किया है कि आतंक के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा।
क्या भारत-पाक युद्ध परमाणु जंग में बदल सकता है?
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा सैन्य तनाव ने आम लोगों के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है — क्या ये संघर्ष परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ रहा है? ऐसे में जानना जरूरी है कि किस देश के पास कितनी परमाणु ताकत है, और दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु बम किसके पास हैं।
दुनिया में किसके पास हैं सबसे ज्यादा परमाणु हथियार?
FAS (Federation of American Scientists) की रिपोर्ट के मुताबिक:
रैंक | देश | परमाणु बम (अनुमानित) | रिटायर्ड बम |
---|---|---|---|
1️⃣ | रूस | 5449 | 1150 |
2️⃣ | अमेरिका | 5277 | 1577 |
3️⃣ | चीन | 600 | – |
4️⃣ | फ्रांस | 290 | – |
5️⃣ | ब्रिटेन | 225 | – |
6️⃣ | भारत | 180 | – |
7️⃣ | पाकिस्तान | 170 | – |
8️⃣ | इजरायल | 90 | – |
9️⃣ | उत्तर कोरिया | 50 | – |
भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु हथियारों का अंतर
भारत के पास अनुमानतः 180 परमाणु बम हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 बम बताए जाते हैं। यानी दोनों देशों के बीच केवल 10 बमों का अंतर है। हालांकि, तकनीकी क्षमता, मिसाइल डिलिवरी सिस्टम और रणनीतिक तैयारी के मामले में भारत पाकिस्तान से कहीं अधिक सक्षम और तैयार है।
भारत की ‘नो फर्स्ट यूज़’ नीति
भारत ने हमेशा से अपनी “No First Use” (पहले इस्तेमाल नहीं)” की नीति को दोहराया है, जिसका मतलब है कि भारत किसी भी परिस्थिति में परमाणु बम का पहले प्रयोग नहीं करेगा — लेकिन जवाबी हमले में पूरी ताकत झोंक देगा। पाकिस्तान इस मामले में स्पष्ट नीति नहीं रखता।
भारत-पाक के बीच मौजूदा तनाव ने पूरे उपमहाद्वीप में चिंता पैदा की है। लेकिन भारत की संतुलित, सख्त और रणनीतिक कार्रवाई यह दर्शाती है कि देश न सिर्फ अपने नागरिकों की रक्षा के लिए तत्पर है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति भी है।