भारत-पाकिस्तान DGMO के बीच युद्धविराम पर अहम चर्चा आज, जानें कौन-कौन है भारत-पाक के DGMO

भारत-पाकिस्तान DGMO के बीच युद्धविराम पर अहम चर्चा आज

भारत-पाकिस्तान DGMO के बीच युद्धविराम पर अहम चर्चा आज

नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सीमा तनाव के बीच एक बड़ी कूटनीतिक पहल होने जा रही है। दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) आज कुछ ही देर में सीमा पर युद्धविराम (Ceasefire) को लेकर अहम बातचीत करेंगे। यह चर्चा ऐसे वक्त में हो रही है जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है और पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव में आ चुका है।

भारत के DGMO: लेफ्टिनेंट जनरल तरुण नयन

लेफ्टिनेंट जनरल तरुण नयन भारतीय सेना के वर्तमान DGMO हैं। वे 1989 में गोरखा राइफल्स से सेना में शामिल हुए थे और कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों का हिस्सा रहे हैं।

पाकिस्तान के DGMO: मेजर जनरल मुहम्मद अकरम खान

पाकिस्तान की तरफ से DGMO मेजर जनरल अकरम खान हैं। वे रावलपिंडी स्थित जनरल हेडक्वार्टर्स (GHQ) से भारतीय अधिकारियों के साथ संवाद में रहते हैं।

क्या है DGMO की भूमिका?

DGMO यानी Director General of Military Operations का काम युद्ध या शांति की स्थिति में सेनाओं का संचालन और रणनीति तय करना होता है। भारत और पाकिस्तान में DGMO के बीच एक हॉटलाइन भी होती है, जिसके माध्यम से सीमावर्ती घटनाओं पर संवाद किया जाता है।
सालों से चली आ रही इस परंपरा में, जब भी युद्धविराम या संघर्ष विराम जैसे विषय सामने आते हैं, तो दोनों देशों के DGMO आमने-सामने बातचीत करते हैं।

आज की बातचीत का क्या महत्व?

भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच आज की बातचीत को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि:

हालांकि, भारत यह पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति से पीछे नहीं हटेगा। ऐसे में आज की बातचीत दोनों देशों की सेना के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक और कोशिश मानी जा रही है।

DGMO स्तर की बातचीत यद्यपि तकनीकी और सैन्य संवाद का जरिया होती है, लेकिन इसके असर कूटनीतिक रूप से भी महसूस किए जाते हैं। ऐसे में आज की चर्चा केवल गोलीबारी रोकने की बात नहीं, बल्कि सीमा पर स्थिरता लाने का एक प्रयास भी है।

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