नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आयात में अचानक वृद्धि की आशंका को देखते हुए एक नया ‘आयात वृद्धि निगरानी समूह’ (Import Surge Monitoring Group) बनाया है। इस समूह का उद्देश्य यह देखना है कि कहीं कुछ देश भारत में बड़ी मात्रा में अपना सामान तो नहीं भेज रहे, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ रही है।
अमेरिका द्वारा चीन, वियतनाम और अन्य देशों पर भारी टैरिफ लगाने के बाद आशंका है कि ये देश अब अपने उत्पादों का रुख भारत की ओर कर सकते हैं। अमेरिका ने हाल ही में चीन के सामान पर 145% तक शुल्क लगाया है, जबकि जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 125% टैरिफ लगाया है। इसके कारण दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई है।
वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एल. सत्य श्रीनिवास ने जानकारी दी कि इस वैश्विक अनिश्चितता के चलते भारत में आयात अचानक बढ़ सकता है। ऐसे में भारतीय बाजार और उद्योगों की सुरक्षा के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
क्या करेगा यह निगरानी समूह?
यह समूह हर हफ्ते और हर महीने देश में आने वाले आयात की बारीकी से जांच करेगा। यह देखा जाएगा कि किन उत्पादों का आयात असामान्य रूप से बढ़ रहा है और किन देशों से यह सामान आ रहा है। अगर किसी खास वस्तु के आयात में अचानक उछाल आता है, तो सरकार इसके पीछे के कारणों की जांच करेगी।
सरकार उठा सकती है कड़े कदम
यदि यह पाया गया कि कोई देश जानबूझकर भारत में अपने उत्पाद बहुत कम कीमतों पर भेज रहा है (जिसे ‘डंपिंग’ कहा जाता है), तो सरकार उस पर डंपिंग-रोधी शुल्क (Anti-dumping Duty) लगा सकती है। इसके अलावा, सेफगार्ड ड्यूटी भी लागू की जा सकती है — यानी जब किसी उत्पाद का आयात भारतीय उद्योगों को नुकसान पहुंचाने की हद तक बढ़ जाए, तो उस पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।
कौन-कौन होंगे इस समूह में शामिल?
इस विशेष निगरानी समूह में वाणिज्य विभाग, DGFT (विदेश व्यापार महानिदेशालय), CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड), और DPIIT (औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग) के अधिकारी शामिल हैं। जरूरत पड़ने पर अन्य मंत्रालयों के विशेषज्ञों से भी सलाह ली जाएगी।
सरकार की प्राथमिकता: भारतीय उद्योगों की रक्षा
वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि वर्तमान में वैश्विक व्यापार व्यवस्था में तनाव की स्थिति है। अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों के बीच टैरिफ वॉर का असर भारत पर भी पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धा और आर्थिक हितों की रक्षा की जाए।
श्रीनिवास ने स्पष्ट किया, “सरकार हर स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है। यदि आयात में अचानक वृद्धि होती है, तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय उद्योगों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।”